उपद्रवियों ने मचाया हुड़दंग और प्रशासन ने बदल दिए राष्ट्रपिता के रंग-ढंग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Dec, 2017 05:49 PM

miscreants hooliganism  administration change the color of father of nation

लो जी कर लो बात। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुई छेड़छाड़ पर परदा डालने तथा लाज बचाने के चक्कर में जिला प्रशासन ने.....

हमीरपुर: लो जी कर लो बात। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुई छेड़छाड़ पर परदा डालने तथा लाज बचाने के चक्कर में जिला प्रशासन ने आनन-फानन में गांधी जी को ट्रैंडी चश्मा पहना दिया व हाथ में परदे टांगने वाला डंडा थमा दिया। एक महीना पहले हमीरपुर शहर के गांधी चौक में गांधी की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था, जिस पर पुलिस विभाग ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। इस घटना को एक महीने से ऊपर का समय बीत चुका है परंतु अभी तक न तो पुलिस के हथे कोई सुराग लगा है और न ही जिला प्रशासन द्वारा आनन-फानन में की गई गलती को सुधारा गया है। इस बात की स्थानीय लोगों में चर्चा भी है तथा निंदा भी हो रही है।
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राष्ट्रपिता के नाम पर रखा गया है चौक का नाम
राष्ट्रपिता की प्रतिमा चौक पर स्थापित होने के कारण ही हमीरपुर के इस चौक का नाम गांधी चौक रखा गया है। कुछ उपद्रवियों ने गांधी जी की लाठी तथा चश्मा तोड़ दिया था परंतु इतना समय बीत जाने के बाद पुलिस के हाथ कोई सुराग न लगना उनक ी हिम्मत को बढ़ा रहा है तथा पुलिस विभाग क ो मुंह चिड़ाते हुई नजर आ रहे हैं। बात जिला प्रशासन की जाए तो माना उस समय प्रशासन के पास साधनों की कमी के कारण जल्दबाजी में निर्णय ले लिया गया परंतु इतना समय बीत जाने के बाद भी अभी तक जिला प्रशासन ज्यों का त्यों ही बैठा है। इस तरह की अनदेखी जिला में बनाई गई राष्ट्रपिता की प्रतिमा के हित में नहीं है। वर्तमान में गांधी जी की प्रतिमा को देखते हुए लगाता है कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा-दीक्षा व उनकी प्रतिमाओं के चित्र किताबों में ही अच्छे लगते हैं। 
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क्या यही है एक राष्ट्रपिता का सम्मान
शायद गांधी जी भी यहीं सोचते होंगे कि अब यूं बीच चौराहों पर खड़ा कर न तो कोई मेरे आस-पास सफाई का ध्यान रखता है और न ही मेरे चश्मे और लाठी का। मेरी प्रतिमा तो खड़ी कर दी गई तथा कोई प्रयोजन हो तो मेरा सत्कार भी किया जाता है परंतु बाकी समय में किसी को मेरी कोई आवश्यकता नहीं है। किसी का मन हुआ तो उसने मेरी लाठी और चश्मा तोड़ दिया तथा किसी ने उस घटना पर परदा डालने के लिए मुझे नए जमाने का चश्मा पहना दिया तथा परदे का डंडा हाथ में थमा दिया। क्या यही है एक राष्ट्रपिता का सम्मान। लगता है आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद लोगों की मेरे प्रति सोच बदल गई है या फिर मैं कहीं विलुप्त होता जा रहा हूं।

क्या कहता है प्रशासन
जिलाधीश हमीरपुर संदीप कदम ने बताया कि इस बारे में प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है यदि ऐसा है तो प्रशासन जल्द इस गलती को ठीक करेगा। वहीं पुलिस अधीक्षक हमीरपुर रमन कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है तथा छानबीन जारी है। विभाग को अभी तक मामला का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

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