Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2019 06:02 PM
देश में पश्चिमी सभ्यता के प्रचलन के चलते युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों का सम्मान करना भूलती जा रही है । यही वजह है कि अधिकतर बुजुर्ग अब वृद्धा आश्रम में जीवन बिताने को मजबूर हैं। युवा अपने बुजुर्गों को बोझ की नजर से देखते हैं जो पढ़े-लिखे समाज के लिए...
शिमला (योगराज): देश में पश्चिमी सभ्यता के प्रचलन के चलते युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों का सम्मान करना भूलती जा रही है । यही वजह है कि अधिकतर बुजुर्ग अब वृद्धा आश्रम में जीवन बिताने को मजबूर हैं। युवा अपने बुजुर्गों को बोझ की नजर से देखते हैं जो पढ़े-लिखे समाज के लिए शर्म की बात है। युवा पीढ़ी यह बात भूल रही है कि वह भी एक दिन बुजुर्ग होंगे।
उन्होंने कहा कि जैसा बर्ताव और व्यवहार वे अपने माता-पिता से करेंगे, भविष्य में उनके बच्चे भी उनसे वैसा ही व्यवहार करेंगे, इसलिए युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे अपने माता-पिता और अन्य बुजुर्गों का सम्मान और आदर करे ताकि बुजुर्गों को वृद्ध आश्रम में रखने की नौबत न आए। यह बात शिमला में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ‘‘हैल्पेज इंडिया’’ द्वारा आयोजित ‘‘वृद्धजन दिवस’’ कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बुद्ध ने भी वृद्ध से ज्ञान प्राप्त कर सीधी प्राप्त की थी।
वहीं कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे बुजुर्गों ने बताया कि युवा पीढ़ी अपने संस्कारों को भूलती जा रही है, जिसे देख दुख होता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देने चाहिए, जिससे उनके मन में बड़ों के लिए आदर-भाव पैदा हो। गौरतलब है कि हैल्पेज इंडिया हर वर्ष पूरे देश में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता है और समय-समय पर बुजुर्गों से संबंधित मुद्दों को उठाता है और बुजुर्गों द्वारा समाज के लिए दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए समाज को जागरूक करने का काम करता है।