Edited By Ekta, Updated: 07 Aug, 2019 02:13 PM
कांगड़ा जिला की रक्कड़ तहसील के अंतर्गत ब्यास नदी सहित अन्य खड्डों में हो रहे अवैध खनन से आक्रोशित प्रदेश हिंदू रक्षा दल के प्रदेशपदाधिकारियों ने मंगलवार को डी.सी. कांगड़ा को ज्ञापन सौंपकर खनन माफिया पर अतिशीघ्र अकुंश लगाने का आग्रह किया है। डी.सी....
धर्मशाला/नाहन (नितिन/सतीश): कांगड़ा जिला की रक्कड़ तहसील के अंतर्गत ब्यास नदी सहित अन्य खड्डों में हो रहे अवैध खनन से आक्रोशित प्रदेश हिंदू रक्षा दल के प्रदेशपदाधिकारियों ने मंगलवार को डी.सी. कांगड़ा को ज्ञापन सौंपकर खनन माफिया पर अतिशीघ्र अकुंश लगाने का आग्रह किया है। डी.सी. को सौंपे ज्ञापन में हिंदू रक्षा दल के प्रदेशाध्यक्ष सूर्यवंशी जगवीर सिंह ने बताया कि ब्यास नदी सहित अन्य खड्डों पर अवैध रूप से हो रहा अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि खड्डों में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका है, परंतु जिला प्रशासन, खनन विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग व पुलिस विभाग इन खड्डों में अवैध खनन रोकने में असफल रहे हैं। हालांकि इससे खनन माफिया सरकार को लाखों रुपए का चुना लगा रहा है। उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े ब्यास नदी से सैकड़ों मीट्रिक टन रेत-बजरी व पत्थरों का अवैध खनन करके खनन माफिया चांदी कूट रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अवैध खनन पर नियंत्रण के कड़े निर्देश भी यहां के खनन माफिया पर बेअसर साबित हो रहे हैं। इस मौके पर हिंदु रक्षा दल के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
नाहन
हिमाचल में हो रही भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। पांवटा साहिब से होकर गुजरने वाली यमुना, बाता और गिरी नदी में कभी भी भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालत बन सकते है। लेकिन खनन माफिया मजदूरों की जान जोखिम में डाल कर नदियों में अवैध खनन करवा रहे है। स्टोन क्रशर संचालक इन परिस्थितियों में भी मजदूरों से नदी से खनन सामग्री उठवाने का काम करवा रहे है। खनन माफिया अपने लीज एरिया से हट कर गिरी नदी के पास बन रहे पुल की जड़ में अवैध खनन को अंजाम दे रहे है। इससे न केवल मजदूरों की जान जोखिम में पड़ रही है बल्कि पुल को भी खतरा पैदा हो रहा है। खनन सामग्री के लिए पहुंचा एक ट्रेक्टर भी नदी के बीच टापू पर फस गया। बरसात के दिनों में कई बार ट्रैक्टर चालक और मजदूर बाढ़ की चपेट में भी आ चुके है लेकिन बावजूद इसके प्रशासन भी खनन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पाई है। हालांकि ग्रामीण समय समय पर अवैध खनन की सूचना सम्बंधित विभाग और प्रशासन को देते रहते है।