Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2019 12:21 PM
7 और 8 नवम्बर को धर्मशाला में होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में इन्वैस्टर के साथ एमओयू कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने शिमला में मिनी कॉन्क्लेव आयोजित कर ऊर्जा के क्षेत्र में इन्वेस्टर के साथ 26,812 करोड़ रुपए के...
शिमला (योगराज): 7 और 8 नवम्बर को धर्मशाला में होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में इन्वैस्टर के साथ एमओयू कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने शिमला में मिनी कॉन्क्लेव आयोजित कर ऊर्जा के क्षेत्र में इन्वेस्टर के साथ 26,812 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए, जिनमें 25,772 करोड़ के एमओयू हाईड्रो पावर और 1,040 करोड़ के एमओयू सोलर पावर के क्षेत्र में साइन हुए हैं। ऊर्जा क्षेत्र में कुल 10 एमओयू साइन किये गए, जिनमें 2 एनटीपीसी,1 एनएचपीसी और 7 एमओयू एसजेवीएन के साथ साइन हुए।
प्रदेश में होगा 2927 मैगावाट बिजली का उत्पादन
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हाईड्रो सैक्टर को छोड़कर इन्वैस्टर जा रहे थे लेकिन सरकार ने निर्णय लिया कि इस सैक्टर को आगे बढ़ाने के लिए कुछ फैसले लेने होंगे जो सरकार ने लिए और आज नतीजा सबके सामने है। सरकार ने जो एमओयू साइन किए उससे प्रदेश में 2927 मैगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 13,215 लोगों को इन प्रोजैक्ट्स में रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की सफलता तब मानी जाएगी जब इन प्रोजैक्ट्स का काम जमीन पर नजर आएगा।
अब तक साइन हुए 570 एमओयू
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से जाना जाता है। 2 वर्ष पहले जब उनको मुख्यमंत्री का दायित्व मिला तो प्रदेश के विकास को लेकर कई सवाल सामने आए। लोगों ने सरकार के विजन को लेकर सवाल किया, जिसका जवाब देना उस समय संभव नहीं था लेकिन सरकार ने ग्लोबल इन्वैस्टर मीट करवाने का एक बड़ा निर्णय लिया, जिस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है और परिणाम भी अच्छे आने लगे हैं। सरकार ने अभी तक कुल 570 एमओयू साइन कर लिए हैं।
चिनाव बेसिन में और प्रोजैक्ट शुरू करने पर सरकार कर रही विचार
इस मौके पर प्रधान सचिव ऊर्जा प्रबोध सक्सेना ने बताया कि कुछ प्रोजैक्ट्स जो 15 साल पहले अलॉट किए गए थे लेकिन उनमें काम नहीं हो पाया था लेकिन अब एमओयू साइन होने के बाद इन प्रोजैक्ट्स पर काम शुरू हो जाएंगे। चिनाव बेसिन में और प्रोजैक्ट शुरू करने की इन्वैस्टर मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि 648 मैगावाट के बिजली उत्पादन में इस साल में वृद्धि हो जाएगी।
हिमाचल देशभर में मोस्ट कन्ज्यूमर फ्रैंडली राज्य
वहीं निदेशक ऊर्जा मानसी सहाय ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश देशभर में मोस्ट कन्ज्यूमर फ्रैंडली राज्य है और ऊर्जा प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य साधनों में से एक है। प्रदेश सरकार ने हाईड्रो पावर पॉलिसी 2006 में बनाई थी। हाईड्रो पावर के दोहन की प्रदेश में 23,500 मैगावाट की क्षमता है, जिसने साढ़े 10,000 मैगावाट का दोहन कर लिया है और 2300 मैगावाट के प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं जबकि साढ़े 8000 मैगावाट के प्रोजैक्ट अंडर क्लीयरैंस और 1900 मैगावाट के प्रोजैक्ट अलॉट होने के लिए पाइप लाइन में हैं।
2018-19 में हिमाचल को प्राप्त हुआ 1212 करोड़ का राजस्व
ऊर्जा क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश को 2018-19 में 1212 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि इस वर्ष सितंबर तक 678 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। एनटीपीसी 60 करोड़ रुपए की लागत से 15 मैगावाट का राज्य में पहला सोलर फ्लोटिंग प्लांट भी कोलडैम में लगाने जा रहा है जो स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ सतलुज की खूबसूरती में भी चार चांद लगाएगा।
ऑनलाइन पोर्टल किया लॉन्च
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने 5 मैगावाट तक के बिजली प्रोजैक्ट को लगाने के इच्छुक इन्वैस्टर को गाइडलाइंस और हिमऊर्जा के सोलर रूफ टॉप की ग्रिड से कनैक्टिविटी के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव डॉ.श्रीकांत बाल्दी भी मौजूद रहे।