Edited By Vijay, Updated: 17 Sep, 2019 06:00 PM
हिमाचल में होने जा रही ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले मंगलवार को शिमला में मिनी इन्वैस्टर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें 200 के करीब इन्वैस्टरों ने भाग लिया। मिनी इन्वैस्टर कॉन्क्लेव में सरकार ने 4700 करोड़ के एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए।
शिमला (योगराज): हिमाचल में होने जा रही ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले मंगलवार को शिमला में मिनी इन्वैस्टर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें 200 के करीब इन्वैस्टरों ने भाग लिया। मिनी इन्वैस्टर कॉन्क्लेव में सरकार ने 4700 करोड़ के एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए। इसमें सबसे ज्यादा एम.ओ.यू. पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में हुए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने ये पहल की है कि निवेशकों के लिए हिमाचल में निवेश का माहौल बनाया जा सके। इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। अभी तक निवेशकों के साथ 46,000 करोड़ के एम.ओ.यू. हस्ताक्षर कर लिए गए हैं जबकि सरकार ने 85,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में निवेशक ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।
सरकारी खाते की बजाय खुद टैक्स भरने पर हो रहा विचार
मुख्यमंत्री ने यू.पी. की तर्ज पर विधानसभा सदस्यों के टैक्स खुद भरने के सवाल पर कहा कि इस पर सरकार विचार कर रही है तथा विधायकों से विचार-विमर्श करने व अध्ययन करने के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में हिमाचल भी एक ऐसा राज्य है जो माननीयों के टैक्स सरकारी खाते से भरता है। अब इसको लेकर सरकार की किरकिरी हो रही है। यू.पी. सरकार ने सदस्यों के कर भरने का फैसला वापस ले लिया है। अब यू.पी. के सभी मंत्री व विधायक अपना टैक्स सरकारी खाते की बजाय खुद भरेंगे।