Edited By kirti, Updated: 02 Nov, 2019 03:50 PM
सिर्फ कुल्लू से भुंतर और भुंतर से कुल्लू जाने वाली सवारियां ही सीटों पर बैठें, बाकी सभी खड़ी रहें। जी हां, इन दिनों ये फरमान कई निजी बसों के परिचालक जारी करते हुए सुनाई देते हैं। कुल्लू-भुंतर रूट पर दौड़ रही कई मिनी बसों में रोजाना सैंकड़ों लोग...
कुल्लू (ब्यूरो): सिर्फ कुल्लू से भुंतर और भुंतर से कुल्लू जाने वाली सवारियां ही सीटों पर बैठें, बाकी सभी खड़ी रहें। जी हां, इन दिनों ये फरमान कई निजी बसों के परिचालक जारी करते हुए सुनाई देते हैं। कुल्लू-भुंतर रूट पर दौड़ रही कई मिनी बसों में रोजाना सैंकड़ों लोग बदसलूकी के शिकार हो रहे हैं जिन्हें पैसे देकर व टिकट लेकर भी बसों में खड़े होकर ही सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, कई परिचालक नजदीक की सवारियों को बैठाने से भी परहेज कर रहे हैं। बस स्टॉप पर पहले ही घोषणा कर दी जाती है कि नजदीक की सवारियां बस में न बैठें, नहीं तो बाद में मत कहना कि बस को रोका क्यों नहीं। ऐसे में कुल्लू-भुंतर के बीच के नजदीक स्टेशन की सवारियों को मायूस होकर बस से उतरना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, कई बार बसों के अंदर ही बहसबाजी का दौर शुरू हो रहा है। रोजाना सफर करने वाले लोग इस बदतर स्थिति का शिकार बन रहे हैं।
स्थानीय लोगों के लिए परिवहन सुविधा बनी जी का जंजाल
कुल्लू की तरफ से चलने वाली लॉन्ग रूट की बसों में लोकल सवारियों को बिठाने से परहेज किया जाता है। लोगों को समस्या न हो तथा उन्हें टैक्सियों या ऑटो में अधिक पैसे खर्च कर सफर न करना पड़े, इसके लिए कुल्लू-भुंतर रूट पर मिनी बसों को चलाया गया है लेकिन अब कई मिनी बसों के चालक-परिचालक भी नजदीक की सवारियों को बसों में बिठाने से कतराने लगे हैं। ऐसे में बुजुर्गों व बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं को घंटों बसों के इंतजार में सड़क पर खड़े रहना पड़ता है। ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली परिवहन सुविधा इन लोगों के लिए कोई मायने नहीं रख रही है।
ओवरलोड होकर चलती हैं कई बसें
कुल्लू-भुंतर रूट पर दौड़ रही कई मिनी बसें दिनभर ओवरलोड होकर ही चलती हैं। ऐसे में बस में सफर करने वाली सवारियों को परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं नियमों की भी सरेआम अवहेलना हो रही है। लोकल रूट पर भी ओवरलोडिंग के कारण यदि कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।