Edited By Ekta, Updated: 11 Sep, 2018 03:05 PM
फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का सपना है कि एक भारतीय एथलीट ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत सके, जिसे मैं रोम में जीतते जीतते खो बैठा था। फ्लाइंग सिख, मिल्खा सिंह ने सोमवार को शूलिनी यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान अपने दिल की बात कही। मिल्खा सिंह...
सोलन (नरेश पाल): फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का सपना है कि एक भारतीय एथलीट ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत सके, जिसे मैं रोम में जीतते जीतते खो बैठा था। फ्लाइंग सिख, मिल्खा सिंह ने सोमवार को शूलिनी यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान अपने दिल की बात कही। मिल्खा सिंह ने अपने बचपन के संघर्ष को याद करते हुए अपने जीवन की कहानी सांझा की और बताया कि 1960 में पाकिस्तान में आयोजित प्रसिद्ध खेल आयोजन में अपना अनुभव सांझा किया जहां उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकालीन अब्दुल खालिक को हराया।
वह भारत के सबसे महान एथलीटों में से एक हैं। एशियाई खेलों में उन्होंने चार स्वर्ण पदक जीते हैं और 1958 के कार्डिफ एम्पायर गेम्स में आयोजित कॉमनवैल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय थे। मिल्खा सिंह ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनता है। कोई भी गरीबी को खत्म नहीं कर सकता। हमें आम लोगों की गरीबी दूर करने और देश के विकास में अपना योगदान देने की आवश्यकता है। इससे पूर्व वि.वि. के वाइस चांसलर प्रोफैसर पी.के.खोसला व प्रो.वाइस चांसलर शूलिनी अतुल खोसला कैम्पस में उनका स्वागत किया। सिंह ने एक इनडोर स्पोर्ट्स काम्प्लैक्स का उद्घाटन किया जिसे उनके नाम मिल्खा सिंह स्पोर्ट्स काम्प्लैक्स पर रखा गया है।