Edited By Vijay, Updated: 19 Jul, 2018 07:16 PM
फतेहपुर के अंतर्गत जुलाड़ गांव में कै्रश हुए इंडियन एयरफोर्स के मिग-21 फाइटर प्लेन मामले की जांच शुरू हो गई है। दिल्ली हैडक्वार्टर से गु्रप लीडर एच. मित्रा की अगुवाई में विशेष जांच दल मौके पर पहुंचा तथा मौके से साक्ष्य जुटाए, जिन्हें टीम अपने साथ ले...
बडूखर: फतेहपुर के अंतर्गत जुलाड़ गांव में कै्रश हुए इंडियन एयरफोर्स के मिग-21 फाइटर प्लेन मामले की जांच शुरू हो गई है। दिल्ली हैडक्वार्टर से गु्रप लीडर एच. मित्रा की अगुवाई में विशेष जांच दल मौके पर पहुंचा तथा मौके से साक्ष्य जुटाए, जिन्हें टीम अपने साथ ले गई। विशेष जांच दल यह पता लगाएगा कि हवा में प्लेन के जलने के क्या कारण थे। हादसे के वक्त प्लेन विपरीत दिशा में क्यों मुड़ा और हादसे का शिकार हुआ। धर्मशाला फोरैंसिक विभाग की टीम डा. मीनाक्षी की अगुवाई में मौके पर पहुंची हुई थी। विमान के क्रैश होने के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है और इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एयरफोर्स का सर्च आप्रेशन लगभग 4 दिन और चलने की संभावना है।
घटना स्थल से आधा किलोमीटर दूर मिले थे पायलट के शरीर के टुकड़े
विमान हादसा इतना भयानक था कि पायलट स्क्वाड्रन लीडर मीत कुमार के शरीर के टुकड़े (चिथड़े) घटना स्थल से लगभग आधा किलोमीटर दूर मिले थे। मृतक पायलट अपने पीछे पत्नी व 4 वर्षीय बेटी छोड़ गया है। फिलहाल एयरफोर्स की टीमें विमान की दुर्घटना होने के कारणों का पता लगाने के लिए लगातार हैलीकॉप्टर के माध्यम से आ रही हैं। वहीं स्थानीय ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है। मौके पर एस.डी.एम. ज्वाली, एस.एच.ओ. ज्वाली नीरज राणा, पुलिस प्रशासन व एयरफोर्स के अधिकारी उपस्थित थे। बता दें कि पठानकोट से बुधवार सुबह टेक ऑफ करने के बाद इंडियन एयरफोर्स का मिग-21 फाइटर प्लेन जुलाड़ गांव में क्रैश हो गया था।
एयरफोर्स के जवानों ने अंधेरे में काटी रात
विमान दुर्घटना स्थल पर एयरफोर्स के जवानों द्वारा लगाए हुए टैंटों में बिजली का प्रबंध नहीं हुआ था। बरसात का मौसम होने के कारण जवानों ने अंधेरे में ही रात गुजारी। क्षेत्र के समाजसेवी एवं एयरफोर्स से सेवानिवृत्त पंकज हैप्पी ने दोपहर बाद जवानों की सुरक्षा के लिए एक जैनरेटर और 4 पंखों का प्रबंध किया है ताकि जवानों को अंधेरे में रात न काटनी पड़े। वहीं एस.डी.एम. फतेहपुर बलवान चंद का कहना है कि उन्होंने खुद पिछले कल देर शाम घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों से बात की थी। उन्होंने किसी तरह की कोई भी सहायता लेने से इंकार कर दिया था।