Edited By prashant sharma, Updated: 20 Jul, 2021 04:02 PM
केंद्रीय आवाह्न पर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर मिड डे मील वर्कर विरोध करने पर उतर आए हैं। शिमला शिक्षा निदेशालय के बाहर मिड डे मील वर्कर ने सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शिमला : केंद्रीय आवाह्न पर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर मिड डे मील वर्कर विरोध करने पर उतर आए हैं। शिमला शिक्षा निदेशालय के बाहर मिड डे मील वर्कर ने सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मिड डे मील वर्कर पिछले लंबे समय से अपने लिए नीति बनाकर नियमित करने की मांग उठा रहे है। इतना ही नही मिड डे मील वर्कर के लिए 15 हजार के वेतन की मांग की जाती रही है। मिड डे मील वर्कर हिमी देवी ने बताया कि वह बीते 18 वर्षों से महज 33 रुपए दिहाड़ी पर अपनी सेवाएं दे रही हैं जबकि महंगाई आसमान छू रही है। इस दौर में इतने कम वेतन में गुजारा कर पाना संभव नहीं है। मिड डे मील वर्कर को 12 माह में से सिर्फ 10 महीने का ही वेतन दिया जाता है। देश भर में 25 लाख मिड डे मील वर्कर 12 करोड़ बच्चों को खाना बनाने का काम कर रही। लेकिन सरकार उनका शोषण कर रही है। उनकी मांगे न माने तक आंदोलन जारी रहेगा।