Edited By Vijay, Updated: 04 Sep, 2019 05:58 PM
अखिल भारतीय मिड-डे मील वर्कर यूनियन के आह्वान पर शिमला में मिड-डे मील वर्कर यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ वेतन बढ़ौतरी को लेकर हल्ला बोला। देशभर में जहां आज मिड-डे मील वर्कर यूनियन के सदस्य अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं.....
शिमला (तिलक राज): अखिल भारतीय मिड-डे मील वर्कर यूनियन के आह्वान पर शिमला में मिड-डे मील वर्कर यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ वेतन बढ़ौतरी को लेकर हल्ला बोला। देशभर में जहां आज मिड-डे मील वर्कर यूनियन के सदस्य अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं, वहीं शिमला के डीसी कार्यालय के समीप वेतन बढ़ौतरी सहित अन्य मांगों को लेकर यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सीटू के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में मिड-डे मील वर्कर्ज ने केंद्र सरकार से उन्हें स्थायी करने या कोई ठोस नीति बनाने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें भी अन्य अन्य कर्मचारियों की तरह छुट्टियों की सुविधा दी जाए।
इस दौरान मिड-डे मील वर्कर यूनियन की राज्य महासचिव हिमी देवी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में गत 10 वर्षों में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है, जिस कारण मिड-डे मील वर्कर का 1000 रुपए में गुजर-बसर करना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके वेतन को 33 रुपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 250 रुपए प्रतिदिन करे। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील वर्कर को प्रसूति अवकाश वेतन सहित दिया जाए तथा साथ ही अन्य अवकाश भी प्रदान किए जाएं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मिड-डे मील वर्कर के साथ कोई हादसा हो जाता है तो सरकार उसके परिजनों को मुआवजे के तौर पर 2 लाख रुपए की राशि प्रदान करे। यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो विवश होकर उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा, जिसके लिए केंद्र सरकार उत्तरदायी होगी।