बिना लाइसैंस मैडीकल कॉलेज में काम कर रहे 4 ठेकेदार

Edited By Ekta, Updated: 10 Jul, 2019 11:18 AM

medical college

नेरचौक मैडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में बिना लाइसैंस के 4 ठेकेदार काम कर रहे हैं और अब तक करोड़ों की राशि प्रबंधन से ले चुके हैं। हैरानी इस बात की है कि इस मामले में श्रम विभाग ने नोटिस थमाकर चालान कोर्ट में पेश भी कर दिए हैं लेकिन किसी ने इसकी अनुपालना...

मंडी (पुरूषोत्तम): नेरचौक मैडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में बिना लाइसैंस के 4 ठेकेदार काम कर रहे हैं और अब तक करोड़ों की राशि प्रबंधन से ले चुके हैं। हैरानी इस बात की है कि इस मामले में श्रम विभाग ने नोटिस थमाकर चालान कोर्ट में पेश भी कर दिए हैं लेकिन किसी ने इसकी अनुपालना में कोई जवाब नहीं दिया है। चारों पर विभिन्न श्रम अधिनियमों की उल्लंघना के आरोप हैं और इसी आधार पर कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि श्रम विभाग की ओर से जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन किसी ने जवाब देना उचित नहीं समझा और अब विभाग ने चालान कोर्ट में पेश कर दिए हैं। अब सवाल उठता है कि किस आधार पर नेरचौक मैडीकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन ने बिना लाइसैंस के 4 कंपनियों को मैनपावर, मैस और सफाई का काम दे दिया। इतना ही नहीं काम के बदले करोड़ों की राशि का भी भुगतान हुआ है। नियमों के तहत इन अधिनियमों की अनुपालना के लिए श्रम अधिकारी से लाइसैंस लेना अनिवार्य है लेकिन ऐसा नहीं किया गया।   

पार्षद रजनीश सोनी ने भी उठाया है मामला

प्रदेश इंटक मजदूर नेता एवं नगर परिषद नेरचौक के पार्षद रजनीश सोनी ने भी नेरचौक मैडीकल कॉलेज के आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन गड़बड़ी बारे मामला उठाया है। रजनीश सोनी ने कहा कि वे पिछले वर्ष 2017 से मैडीकल कॉलेज नेरचौक में आऊटसोर्सिंग कंपनियों की कार्यप्रणाली और मासिक वेतन आदि के बारे में जानकारियां जुटा चुके हैं जिसमें आऊटसोर्स कर्मचारियों के नाम, पद, मासिक वेतन, टैंडर प्रक्रिया, टैंडर डॉक्यूमैंट व एग्रीमैंट पत्र आदि हैं। इसके बाद जांच शुरू की गई। रजनीश सोनी ने कहा कि मैडीकल कालेज नेरचौक में यदि ऐसी आऊटसोर्सिंग कम्पनियां मनमानी कर रही हैं और कर्मचारियों को कम वेतन दे रही हैं तो सबसे पहले उसकी पूर्ण जिम्मेदारी मुख्य नियुक्ता के तहत मैडीकल कॉलेज नेरचौक और श्रम अधिकारी मंडी कार्यालय के अधिकारियों की ही बनती है। यदि संबंधित अधिकारियों ने जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी को निभाया होता तो आऊटसोर्स कर्मचारियों का शोषण नहीं हो सकता था। रजनीश सोनी ने आरोप लगाया है कि उनकी शिकायत के बाद ही लेबर विभाग और अन्य विभाग के अधिकारी जागे। आखिर क्यों उन्होंने पहले रूटीन जांच नहीं की।

ब्लैक लिस्ट कंपनी को दिया गया है काम 

रजनीश सोनी ने कहा कि पैरा-मैडीकल सेवाएं दे रही आऊटसोर्सिंग कंपनी ने पिछले एक वर्ष में करीब 30 से 40 लाख का घोटाला किया है और गरीब कर्मचारियों के अधिकारों का वेतन लेकर रफू चक्कर होने की तैयारी थी परंतु अब उनकी शिकायत पर करवाई करते हुए मैडीकल कॉलेज ने करीब 3.20 लाख प्रति माह के हिसाब से रिकवरी का आकलन किया है जो जून, 2018 से अब तक करीब 40 लाख के आस पास बनता है, जिसके लिए पिछले 3 महीनों के बिलों को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है और रिकवरी बारे दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं। रजनीश सोनी ने कहा कि मैडीकल कालेज नेर चौक में वर्तमान में एक ब्लैक लिस्ट कम्पनी कार्य कर रही है और हाल ही में उसी ब्लैक लिस्ट कम्पनी को अस्पताल में मरीजों को खाना उपलब्ध करवाने बारे कार्य आबंटित किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य को उन्होंने कड़ी चेतावनी दी है और मांग की है कि कर्मचारियों के साथ यदि ऐसा शोषण होगा तो इंटक सड़कों पर उतर आएगी और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। रजनीश सोनी ने इस बारे विजीलैंस को भी शिकायत की है और विजीलैंस के अधिकारी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं।

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