मैडीकल व डैंटल की आरक्षित डिफैंस कोटे की सीटों के लिए आवेदन 30 तक

Edited By Ekta, Updated: 08 Jun, 2018 10:05 AM

medical and dental reserved defense quota seats up to 30

केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने शैक्षणिक वर्ष 2018-19 के लिए विभिन्न श्रेणियों के सैन्य कर्मियों के पुत्रों/पुत्रियों/विधवाओं/पत्नियों से रक्षा मंत्रालय के कोटे के तहत मैडीकल व डैंटल की आरक्षित सीटों के आबंटन के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। मैडीकल...

हमीरपुर (पुनीत): केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने शैक्षणिक वर्ष 2018-19 के लिए विभिन्न श्रेणियों के सैन्य कर्मियों के पुत्रों/पुत्रियों/विधवाओं/पत्नियों से रक्षा मंत्रालय के कोटे के तहत मैडीकल व डैंटल की आरक्षित सीटों के आबंटन के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। मैडीकल (एम.बी.बी.एस.) की 28 व डैंटल (बी.डी.एस.) की 2 सीटें हैं जिनके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून रखी गई है। इन सीटों के लिए वे बच्चे जिनके माता-पिता का सैन्य सेवा से संबंध नहीं है, इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। वहीं भारत सरकार के नामिती हेतु आरक्षित केंद्रीय सीटों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का चयन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित नीट-2018 में उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर दिया जाएगा। नीट में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी इन सीटों के लिए पात्र नहीं हैं। 


राज्य की अलग से डिफैंस कोटे की सीटें हैं निर्धारित
उपरोक्त 30 सीटें रक्षा मंत्रालय के केंद्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा पूरे देश के लिए निर्धारित कर रखी हैं जिसके लिए पूरे देश से एक ही मैरिट सूची बनेगी जबकि हिमाचल सरकार ने डिफैंस कोटे की मैडीकल व डैंटल की सीटें अलग से निर्धारित कर रखी हैं जिसके लिए मैरिट सूची अलग से बनेगी। प्रदेश के प्रत्येक मैडीकल कॉलेज में 1-1 सीट डिफैंस कोटे से आरक्षित रखी गई है।


ऑनलाइन आवेदन करते समय ये रखें ध्यान 
पात्रता सर्टीफिकेट को अपने राज्य या जिला सैनिक कल्याण विभाग से साइन करवाकर अपने रिकॉर्ड ऑफिस से काऊंटर साइन करवाकर तथा सेवारत पी.-5, पी.-7, पी.-8, पी.-9, ओ.सी./सी.ओ. से साइन करवाकर अन्य सभी संबंधित दस्तावेज एवं फोटो के साथ अपलोड करें।  


इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
इन सीटों की मैरिट सूची में पहली प्राथमिकता युद्ध कार्रवाई के दौरान शहीद हुए सैनिकों के बच्चों/विधवाओं को दी गई है। दूसरे नंबर पर युद्ध कार्रवाई के दौरान दिव्यांग हुए तथा सेना से बोर्ड आऊट किए गए सैनिकों के बच्चों को अधिमान दिया गया है। उसके बाद तीसरे नंबर पर सैन्य सेवा के कारण सेवा के दौरान दिवंगत हुए सैनिकों के बच्चों व विधवाओं को प्राथमिकता मिलेगी। चौथे नंबर पर सैन्य सेवा के कारण सेवा के दौरान दिव्यांग हुए सैनिकों के बच्चों तथा बोर्ड आऊट किए गए सैनिकों के बच्चों को प्राथमिकता दी गई है। 


उसके बाद 5वें नंबर पर वीरता पदक से सम्मानित सेवारत सैनिकों/भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों व छठे स्थान पर भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को रखा गया है। 7वें नंबर पर युद्ध कार्रवाई के दौरान दिव्यांग हुए तथा सेना से बोर्ड आऊट किए गए सैनिकों की पत्नियों, सैन्य सेवा के कारण सेवा के दौरान दिव्यांग हुए व बोर्ड आऊट किए गए सैनिकों की पत्नियों व वीरता पदक (सेवारत सैनिकों/भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों) से सम्मानित को इन आरक्षित सीटों में अधिमान दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा 8वें नंबर पर सेवारत सैनिकों के बच्चों व 9वें नंबर पर सेवारत सैनिकों की पत्नियों को प्राथमिकता दी गई है।

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