Edited By Simpy Khanna, Updated: 21 Aug, 2019 02:56 PM
राजधनी शिमला के सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल व संचालन के लिए नगर निगम ने दोबारा से टैंडर कॉल कर दिए है। एम.सी 2 सितम्बर को निविदाएं खोलेगा, मौजूदा समय में दिल्ली की लोकप्रिया सेवा संस्थान शहर के 110 पब्लिक टायलेट की देखरेख कर रही है,
शिमला, 21 अगस्त (वंदना): राजधनी शिमला के सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल व संचालन के लिए नगर निगम ने दोबारा से टैंडर कॉल कर दिए है। एम.सी 2 सितम्बर को निविदाएं खोलेगा, मौजूदा समय में दिल्ली की लोकप्रिया सेवा संस्थान शहर के 110 पब्लिक टायलेट की देखरेख कर रही है, लेकिन कंपनी ने नगर निगम प्रशासन को लिखित में टायलेट का संचालन नहीं करने को लेकर असमर्थता जताई है। इसके बाद से नगर निगम टायलेट के संचालन के लिए दोबारा से टैंडर कर दिए है, ताकि शहर के सार्वजनिक शौचालयों में सफाई व्यवस्था को बनाया जा सके। नगर निगम प्रशासन के पास रोजाना टायलेट में बिगड़ती सफाई व्यवस्था को लेकर शिकायतें पंहुच रही है।
प्रशासन की ओर से कई बार कंपनी को नोटिस भी जारी किया है लेकिन टायलेट का रखरखाव सही तरीके से नहीं होने व लगातार पब्लिक की शिकायतों के चलते प्रशासन ने लोकप्रिया कंपनी को शहर से बाहर करने को निर्णय लिया है, लेकिन जब तक टैंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक लोकप्रिया कंपनी ही टायलेट का संचालन करेगी। कंपनी ने टैंडर प्रक्रिया तक कार्य करने को लेकर हामी भरी है अब ऐसे में नगर निगम प्रशासन अगामी कार्रवाई में जुट गया है।
अवैध वसूली की भी निगम को मिल रही शिकायतें
राजधानी के सार्वजनिक शौचालयों की बिगड़ती सफाई व्यवस्था व अवैध वसूली को लेकर को लेकर एम.सी कई बार कंपनी को नोटिस जारी कर चुका है। निगम पार्षदों द्वारा सदन के भीतर भी कई बार मामले को प्रमुखता से उठाया गया है इसके बाद नगर निगम ने कंपनी पर शिकंजा कसते हुए नोटिस जारी किया था साथ ही अवैध वसूली रोकने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए है। शहर में पिछले डेढ़ साल से लोकप्रिया कंपनी टायलेट का जिम्मा संभाल रही है ।
अब तक 5 बार टैंडर हो चुके है फेल
शहर के सार्वजनिक टायलेट नगर निगम शिमला का सिरदर्द बन गए हैं। आए दिनों शौचालयों की बिगड़ती सफाई व्यवस्था से नगर निगम प्रशासन की मुश्किलें बढ़ जाती है। नगर निगम 5 बार अब तक शौचालयों के टैंडर कॉल कर चुका है, लेकिन पांच बार टैंडर फेल हो चुके है इस पर छठी बार इसके लिए टैंडर कॉल किए गए है। बता दें कि लोकप्रिया कंपनी से पहले सुलभ के पास शौचालयों को जिम्मा था लेकिन सुलभ की दादागिरी के चलते निगम उसे शहर से बाहर किया था।