Edited By Vijay, Updated: 06 Sep, 2019 09:31 PM
लंबी जद्दोजहद अाैर कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टाऊनहाल नगर निगम को मिल ही गया। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टाऊनहाल में महापौर अाैर उपमहापौर के कार्यालय खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि टाऊनहाल में नगर निगम के दूसरे कार्यालय अभी शिफ्ट नहीं होंगे...
शिमला (तिलक राज): लंबी जद्दोजहद अाैर कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टाऊनहाल नगर निगम को मिल ही गया। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टाऊनहाल में महापौर अाैर उपमहापौर के कार्यालय खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि टाऊनहाल में नगर निगम के दूसरे कार्यालय अभी शिफ्ट नहीं होंगे और डीसी ऑफिस में ही निगम के कार्यालय रहेंगे। टाऊनहाल के जीर्णोद्धार के बाद कई सरकारी विभाग टाऊनहाल पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, जिसके बाद ये मामला हाईकोर्ट में चला गया था। नगर निगम ने इस भवन को दोबारा से निगम को देने की अपील की थी लेकिन पर्यटन निगम और भाषा एवं संस्कृति विभाग ने भी इस भवन पर अपनी दावेदारी पेश की थी।
वहीं हाईकोर्ट ने नगर निगम को राहत देते हुए फिलहाल मेयर अाैर डिप्टी मेयर के दफ्तर खोलने की अनुमति दी है। हालांकि भवन के दूसरे हिस्से का किस कार्य के लिए प्रयोग होगा, इस पर हाईकोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है। नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि टाऊनहाल में पहले से ही नगर निगम का कार्यक्रम चल रहा था और इसके जीर्णोद्धार के बाद इस पर अन्य विभाग भी दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन हाईकोर्ट ने आज नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है।
बता दें कि शिमला का टाऊनहाल में नगर निगम का कार्यालय चल रहा था लेकिन 2014 में इसे जीर्णोद्धार के लिए एचपीटीडीपी को दिया गया, जिस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके लिए एचपीटीडीपी ने एडीबी (एशियन डिवैल्पमैंट बोर्ड) से कर्ज लिया है। जीर्णोद्धार के बाद सीएम जयराम ने नवम्बर, 2018 में इसका उद्घाटन भी कर दिया लेकिन दावेदार ज्यादा होने से मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और 10 माह बाद नगर निगम के हक में फैसला आया है।