Edited By Simpy Khanna, Updated: 24 Dec, 2019 04:29 PM
प्रदेश की दूसरी नगर निगम में शुमार धर्मशाला में स्टाफ की कमी बनी हुई है। स्टाफ की कमी इस कद्र व्याप्त है कि कार्यरत स्टाफ को तनाव में काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि इस बात से नगर निगम मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षद व अधिकारी भी वाकिफ हैं,...
धर्मशाला (नृपजीत) : प्रदेश की दूसरी नगर निगम में शुमार धर्मशाला में स्टाफ की कमी बनी हुई है। स्टाफ की कमी इस कद्र व्याप्त है कि कार्यरत स्टाफ को तनाव में काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि इस बात से नगर निगम मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षद व अधिकारी भी वाकिफ हैं, लेकिन करें भी तो क्या करें, जो भी करना है सरकार ने करना है और सरकार है कि लापरवाह रवैया अपनाए हुए है। जानकारी के अनुसार नगर निगम धर्मशाला अपने अस्तित्व के तीन साल बाद भी नगर परिषद के स्टाफ के सहारे ही चल रही है।
हालांकि दो-तीन अधिकारी नए आए हैं, लेकिन अभी भी नगर निगम को 24 के लगभग कर्मचारियों के स्टाफ की दरकार है। इस बारे में कई बार सरकार को भी आग्रह किया गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल स्टाफ मुहैया करवाने की दिशा में नहीं की गई है। नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि नगर निगम में स्टाफ की कमी चली हुई है। प्रदेश सरकार को भी स्टाफ मुहैया करवाने बारे कई बार आग्रह किया गया, लेकिन स्टाफ उपलब्ध नहीं करवाया गया है। स्टाफ की कमी की वजह से नगर निगम के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।