Edited By Ekta, Updated: 19 Jun, 2019 04:24 PM
हिमाचल प्रदेश का एक और लाल जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गया है। ऊना के बंगाणा का शहीद अनिल कुमार जसवाल आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ। दुख की बात यह है कि उसका 2 दिन पहले ही जन्मदिन था। फौज से रिटायर्ड हुए पिता अशोक कुमार को जितना गर्व बेटे के भर्ती...
ऊना: हिमाचल प्रदेश का एक और लाल जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गया है। ऊना के बंगाणा का शहीद अनिल कुमार जसवाल आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ। दुख की बात यह है कि उसका 2 दिन पहले ही जन्मदिन था। फौज से रिटायर्ड हुए पिता अशोक कुमार को जितना गर्व बेटे के भर्ती होने पर हुआ था, उतना ही 6 साल बाद भी बेटे की शहादत पर है। लेकिन समय ऐसा है कि इस गर्व के बीच पूर्व सैनिक पिता की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उसपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पूरा परिवार बेटे की शहादत से शोक में डूबा हुआ है। बता दें कि 5 महीने के पौते वरुण जसवाल में ही अपने बेटे अनिल को देख भविष्य के बारे में सोच रहे हैं।
शहीद होने के बाद कई घंटे परिवार को नहीं दी खबर
घर में रोजमर्रा के काम चल रहे थे। बेटे के घायल होने की खबर पहुंच चुकी थी। सब उसकी सलामती के लिए दुआएं कर रहे थे लेकिन मंगलवार सुबह सेना अधिकारी का फोन आया कि उनका बेटा अनिल देश के लिए शहीद हो गया है। ये खबर सुनते ही पिता पर दुखों का पहाड़ टूट गया। काफी घंटे तक परिवार को इस बात की जानकारी के लिए तैयार किया। शहीद होने से पहले ही वह घर से छुट्टी काटकर अनिल वापिस ड्यूटी पर गया था और 2 दिन पहले ही मां व परिवार से अनिल को फोन कर हैप्पी बर्थ कहा था।
बहू को दोपहर बाद दी पति के शहीद होने की खबर
शहीद अनिल की पत्नी को उनके शहादत की खबर दोपहर बाद दी। खबर सुनकर उसकी आंखों में आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। पूरे घर सहित गांव का माहौल गमगीन हो गया। आंखों में आंसू भरे श्वेता मासूम बेटे को कलेजे से लगाने लगी। वहीं संगे संबंधियों व पड़ोसियों ने भी श्वेता का ढाढंस बंधाया।
पिता के प्यार से अधूरा रह गया मासूम वरुण
शहीद अनिल परिवार से जल्द छुट्टी लेकर वापिस आने का वायदा तो कर गया लेकिन उसे क्या पता था कि वह कभी अब परिवार वालों से मिल नहीं पाएगा। वह अपनी पत्नी श्वेता को कह कर गया था कि जब दोबारा छुट्टी लेकर आऊंगा तो अपने बेटे वरूण के साथ खूब मस्ती करूगां। अभी वरुण ने पिता के प्यार को ठीक से महसूस नहीं किया था कि उसका साया उसके सिर से उठ गया।
जैक राइफल में सिपाही था अनिल
अनिल जेक रायफल का सिपाही था। वह जनवरी में पिता बने थे। 6 साल पहले ही शहीद अनिल कुमार फौज में भर्ती हुए थे। इसके अलावा वह 2 सप्ताह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे। अनिल की 2 साल पहले ही शादी हुई थी।