5 दशक बाद मंडी पहुंचीं मैरीनो भेडें,केंद्र सरकार ने 1967-68 में किया था आयात

Edited By kirti, Updated: 02 Mar, 2020 12:05 PM

marino sheep reached mandi after 5 decades

पशुपालन के क्षेत्र में जिला मंडी को मैरीनो भेड़ प्रजनन परियोजना के रूप में एक नई सौगात हासिल हुई है। गौरतलब है कि 6 करोड़ रुपए की लागत से जिला के एकमात्र सरकारी भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र नगवाईं में लगभग 200 शुद्ध सैन मैरीनो नस्ल की भेड़ें व 40 मेंढ़े...

मंडी : पशुपालन के क्षेत्र में जिला मंडी को मैरीनो भेड़ प्रजनन परियोजना के रूप में एक नई सौगात हासिल हुई है। गौरतलब है कि 6 करोड़ रुपए की लागत से जिला के एकमात्र सरकारी भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र नगवाईं में लगभग 200 शुद्ध सैन मैरीनो नस्ल की भेड़ें व 40 मेंढ़े इसी माह ऑस्ट्रेलिया से आयातित किए गए हैं। पशुपालन विभाग मंडी के उपनिदेशक डा. विशाल शर्मा ने बताया कि आयातित पशुधन का रखरखाव विशेषज्ञों की मदद से नगवाईं क्षेत्र में तय मानक संचालक नवाचार के अनुसार किया जा रहा है।

हालांकि भेड़ की विदेशी नस्लों के मेंढें अतीत में भी उत्पादकता बढ़ौतरी के मकसद से इच्छुक भेड़पालकों को उपदान पर प्रदान किए जाते रहे हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश का यह बहुमूल्य पशुधन तो भेड़पालक समुदाय की रोजी-रोटी का पुश्तैनी माध्यम है, जिसे स्तरोन्नत करने में उक्त मैरीनो भेड़ परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि प्रदेश में एक लंबे अंतराल के पश्चात मैरीनो भेड़ की नगवाईं केंद्र में नियंत्रित तथा बंदी वंश वृद्धि से जो प्रजनन हेतु मेंढ़े पैदा होंगे उन्हें भेड़पालकों को अपने घुमंतू झुंड की नस्ल को स्तरोन्नत करने के लिए प्रदान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 1967-68 में आयात किया था।

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