मुंह पर टेप लगाकर मेरे सामने आंचल को जगह-जगह से काटता रहा आरोपी

Edited By Kuldeep, Updated: 20 May, 2018 12:35 AM

manpura murder accused harassment

वीरवार को झाड़माजरी की हिल व्यू कालोनी में हुए मर्डर मामले में घायल लड़की को पी.जी.आई. से छुट्टी मिल गई, जबकि दूसरी लड़की की मौके पर ही मौत हो गई थी।

मानपुरा : वीरवार को झाड़माजरी की हिल व्यू कालोनी में हुए मर्डर मामले में घायल लड़की को पी.जी.आई. से छुट्टी मिल गई, जबकि दूसरी लड़की की मौके पर ही मौत हो गई थी। पी.जी.आई. से उपचार के बाद पलांखवाला में अपने मामा के घर पहुंची मनीषा चंदेल ने जो आपबीती अपने परिजनों को सुनाई, जिसे सुन कर सबके रोंगटे खड़े हो गए। मनीषा ने बताया कि वीरवार सुबह करीब 4 बजे जब मैं टॉयलेट में थी और मेरी सहेली आंचल व मुझे 5 बजे ड्यूटी पर जाना था। इसी दौरान अखिल अचानक उनके कमरे में घुस आया। थोड़ी देर बाद मुझे चीखने की आवाजें सुनाई दीं। मैंने जैसे ही रसोई का दरवाजा खोला तो अखिल ने कटर से मेरे गले पर जोर से वार किया और मैं नीचे गिर गई।

20 मिनट तक तड़पती रही आंचल
अखिल ने मुझे धमका कर अपने सामने बिठा लिया और मेरे सामने उसने पहले तो आंचल के मुंह पर टेप लगा दी और उसके हाथ-पैर बांध दिए। उसने पहले तो कटर से आंचल के दोनों बाजुओं पर गहरे लंबे कट लगाए। दर्द से छटपटाते हुए आंचल की आंखें एकदम बाहर आ गईं। 20 मिनट आंचल तड़पती रही और अखिल उसके साथ बुरा व्यवहार करता रहा। जैसे ही उसने कटर जोर से उसके गले पर मारा तो यह देखकर मैं भी बेहोश हो गई। हम दोनों को मरा हुआ समझ कर अखिल वहां से निकल गया। मनीषा ने बताया कि थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो मैंने अपनी एक सहेली को फोन किया, मगर तब तक आंचल मेरे सामने तड़प-तड़प कर दम तोड़ चुकी थी और मेरे गले से लगातार खून बह रहा था तथा मेरी भी सांस बंद हो रही थी। तभी मेरी सहेली वहां पहुंची और मुझे नहीं पता कि वो कब मुझे उठा कर अस्पताल लेकर आए।

ऐसा तो फिल्मों में भी नहीं होता जो मैंने हकीकत में देखा
मनीषा ने बताया कि यह दृश्य दिन-रात मेरी आंखों के सामने घूम रहा है। बार-बार अखिल यही बोल रहा था कि तू मुझसे बात क्यों नहीं करती और वह उसके अंगों को कटर से काट रहा था। वो तड़प रही थी। अखिल के चेहरे पर मानो कोई शिकन ही नहीं थी। ऐसा तो फिल्मों में भी नहीं होता जो मैंने हकीकत में देखा है।मनीषा के मामा सुधीर, विरेंद्र, बलवीर व जट्ट ने बताया कि उनकी भांजी की किस्मत खराब थी और 2 दिन पहले ही उसे उस मंजिल में शिफ्ट किया गया था। इससे पहले वह तीसरी मंजिल में रह रही थी। उन्होंने बताया कि उनकी भांजी के जहन में ये बातें घर कर चुकी हैं, जिन्हें निकलने के लिए थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने मांग की है कि ऐसे अपराधी तत्वों की जगह जेल में होनी चाहिए।

एक सप्ताह पहले भी आंचल को पीटा था
इस घटना से लगभग एक सप्ताह पहले भी अखिल ने उद्योग के कर्मियों के सामने आंचल को पीटा था, लेकिन उद्योग कर्मियों ने इस बात को छुपा लिया। अगर यह बात मैनेजमैंट के पास पहुंच जाती तो आंचल की जान बच सकती थी। मनीषा ने बताया कि आंचल व अखिल की ट्रेनिंग लगभग पूरी हो चुकी थी और मात्र 2 महीने बचे थे। यही सोच कर कि कहीं अखिल की नौकरी न चली जाए, सबने यह बात छुपाई और एक छोटी सी गलती की कीमत आंचल को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

घर की अकेली लड़की थी आंचल
मनीषा ने बताया कि आंचल घर में अकेली लड़की थी और उसकी सोच बड़ी दूररर्शी थी। अखिल उसके पीछे पड़ा हुआ था, परन्तु वो उसे नहीं चाहती थी और उसे यही कहती थी कि हम लोग एक गांव के हैं तथा उस सभ्यता से हैं जिसमें गांव में व उसके नजदीक  के लड़के-लड़की का रिश्ता भाई-बहन का होता है, लेकिन अखिल के मन में क्या चल रहा था, उसे वो पढ़ नहीं पाई।

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