Edited By Kuldeep, Updated: 30 Dec, 2019 11:09 PM
नकली जीएसटी नंबर जनरेट कर विभिन्न कंपनियों को सप्लाई देकर करोड़ों रुपए के टैक्स की हेरफेर करने का मामला प्रकाश में आया है।
मानपुरा, (बस्सी): नकली जीएसटी नंबर जनरेट कर विभिन्न कंपनियों को सप्लाई देकर करोड़ों रुपए के टैक्स की हेरफेर करने का मामला प्रकाश में आया है। पंजाब के किसी व्यक्ति ने भारत के अलग-अलग कोने में अपनी अलग-अलग कंपनियां बनाकर हिमाचल के उद्योगों को कच्चा माल बेच दिया और बड़ी हैरानी की बात है कि इन उद्योगों ने उसका रिफंड भी ले लिया, लेकिन कम्प्यूटर में जब इन नंबरों का मिलान किया गया तो पता चला कि यह सब जीएसटी नंबर नकली थे। कंपनी के संचालकों ने इस फेहरिस्त में लगभग 107 करोड़ रुपए का टैक्स घोटाला कर दिया जिसमें से विभाग ने कार्रवाई करते हुए 19 करोड़ 20 लाख की टैक्स वसूली कर भी ली। यह सारा खेल नकली बिलिंग के नाम पर किया कि किसी को इसकी कानों-कान खबर नहीं हुई। जीएसटी महानिदेशालय इंटैलीजैंस विभाग शिमला जोन ने इस सारे प्रकरण का भंडाफोड़ किया है और आरोपियों पर सौ फीसदी जुर्माना भी ठोका है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी द्वारा लगभग एक दर्जन नकली कंपनियों का गठन किया गया था जिसमें आधी कंपनियों का वह खुद डायरैक्टर बना हुआ था और आधी कंपनियां किसी और नाम से चला रहा था।
जाली पते दर्शा कंपनियां पंजीकृत करवाई गई थीं
विभाग के अधिकारियों ने कड़ी छानबीन में पाया किया सभी कंपनियां फ्रॉड काम कर रही हैं। जब विभाग ने इनके ऊपर पैनी नजर से कार्य किया तो पता चला कि इस व्यक्तित के 107 करोड़ के बिल जाली पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग नाम से काटे हुए पाए गए जिसमें उस व्यक्ति ने हिमाचल प्रदेश के बीबीएन, पांवटा साहिब, कालाअंब व परवाणु में भी कंपनियों के कार्यालय दर्शाए गए थे। उन ठिकानों पर जब अधिकारी पहुंचे तो वहां पर कोई भी कंपनी नहीं पाई गई यानी जाली पते दर्शा कंपनियां पंजीकृत करवाई गई थीं। उपरोक्त कंपनी संचालक को संबंधित विभाग के अधिकारियों ने अपनी कस्टडी में लेकर छानबीन की। उक्त व्यक्ति पर टैक्स की रकम 19 करोड़ 20 लाख रुपए बनती है। इसको विभाग ने उक्त व्यक्ति व परिवार की निजी संपत्ति को कब्जे में लेकर वसूला है। अभी भी इसकी कार्रवाई चली हुई है ।