मंडी बनेगी देश की पहली 'सेफ सिटी', पुलिस ने तैयार किया खाका (Video)

Edited By Ekta, Updated: 24 Aug, 2018 03:17 PM

जब से देश में स्मार्ट सिटी का कंसेप्ट आया है तब से हर शहर इसमें शामिल होने के प्रयास कर रहा है। लेकिन इससे हटकर सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मुख्यालय ने अपने स्तर पर एक नया कंसेप्ट शुरू करने की सोची है। इस कंसेप्ट को नाम दिया गया है ’’सेफ सिटी’’।...

मंडी (नीरज): जब से देश में स्मार्ट सिटी का कंसेप्ट आया है तब से हर शहर इसमें शामिल होने के प्रयास कर रहा है। लेकिन इससे हटकर सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मुख्यालय ने अपने स्तर पर एक नया कंसेप्ट शुरू करने की सोची है। इस कंसेप्ट को नाम दिया गया है ’’सेफ सिटी’’। मंडी पुलिस ने इसका पूरा खाका तैयार किया है। इस पूरे प्रोजैक्ट की खासियत यह है कि इसमें बैस्ट टैक्नोलॉजी का प्रयोग कर पुलिस की मैनपावर कम होगी और अत्याधुनिक सीसीटीवी व हॉक निगरानी से शहर के चप्पे-चप्पे पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। यह मान लिजिए कि पूरे मंडी शहर में आप किसी भी गली में क्यों न हो, आप हमेशा पुलिस की निगरानी में रहेंगे। इसके लिए पूरे शहर में 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। 
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सेफ सिटी प्लान तैयार करने वाले तेजतर्रार एचपीएस अधिकारी हितेश लखनपाल ने इसकी पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। हितेश लखनपाल का कहना है कि इसमें क्राईम फ्री, ट्रैफिक फ्री और बूमेन सेफ्टी सिटी पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। लोगों को इस प्रावधान से सिक्योरिटी की फिलिंग आएगी और क्राईम को कम कर क्राईम हॉट स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे। शहर में जैब्रा क्रासिंग के स्थान पर ओवरहैड ब्रीज तैयार किए जाएंगे ताकि वाहन चालकों को परेशानी न हो और पैदल चलने वालों को वाहनों की टक्कर से बचाया जा सके। हाई रैजोलूशन कैमरा से ई-चालान की सुविधा रहेगी और कोर्ट एवीडैंस में इसकी मदद मिलेगी। एंट्री गेट और शहर के प्रमुख स्थलों पर इलैक्ट्रोनिक डिस्प्ले बोर्ड लगेंगे जो लेटेस्ट सूचना उपलब्ध करवाएंगे और ट्रैफिक सिग्नल और लाईट्स अब स्पीकरों से लैस होंगी। हर प्रवासी फिंगरप्रिंट सेंसर से पंजीकृत होगा और रात को सेवाएं देने वाले वाहन चालकों पर हॉक सिस्टम से नजर रखी जाएगी।
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शहर को मंडी पुलिस इस तरीके से व्यवस्थित करने की सोच रही है ताकि यहां न तो ट्रेफिक जाम लगे और न ही किसी प्रकार का अपराध घटे। शहर में यदि कोई बड़ा कार्यक्रम भी हो तो उसकी पहले से व्यापक व्यवस्था की जा सके। इसमें लोगों का सहयोग भी अनिवार्य है और यही कारण है कि पुलिस अपने इस प्रोजैक्ट को सरकार को भेजने से पहले शहर के लोगों को दिखाएगी और उनकी राय भी इसपर लेगी। मंडी पुलिस लंबे समय से इस प्रोजैक्ट पर काम कर रही थी और इसके लिए काफी कुछ स्टडी भी किया गया और उसके बाद ही अब इसका प्रेंजेटेशन बनकर तैयार हुआ है। डीएसपी हितेश लखनपाल बताते हैं कि अभी तक पूरे देश में सिर्फ सूरत ऐसा शहर है जिसमें इस प्रकार के प्रावधान किए गए हैं और उसे सुरक्षा सेतू नाम दिया गया है। लेकिन मंडी जिला में जो काम होगा वो उससे भी आधुनिक होगा और बहुत कुछ हटकर और नया होगा।
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इसे पूरे प्रोजैक्ट पर 4 से 5 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। लेकिन इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से पुलिस के हर वर्ष 2 करोड़ रूपए की बचत भी हुआ करेगी। खाका तैयार कर मंडी पुलिस इसे नगर परिषद को डीपीआर बनाने के लिए सौंप रही है और इसके बाद वित्तीय मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास इसे भेजा जाएगा। यदि सरकार ने इस प्रोजैक्ट पर तत्परता दिखाई जो जल्द ही मंडी जिला पूरे प्रदेश का पहला सेफ शहर बन जाएगा और बाकी शहरों को भी ऐसी सुविधा के साथ जोड़ा जा सकेगा।
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