Edited By Ekta, Updated: 17 Dec, 2018 02:00 PM
सीएम सिटी मंडी में प्रदेश की पहली मैकेनिकल पार्किंग बनने जा रही है। राज्य सरकार ने इसका प्रारूप तैयार कर दिया है। इसके लिए स्थान का चयन भी कर लिया गया है। शहर के बीचों बीच स्थित यू-ब्लॉक प्राइमरी स्कूल के प्रांगण में इस पार्किंग का निर्माण किया...
मंडी (नीरज): सीएम सिटी मंडी में प्रदेश की पहली मैकेनिकल पार्किंग बनने जा रही है। राज्य सरकार ने इसका प्रारूप तैयार कर दिया है। इसके लिए स्थान का चयन भी कर लिया गया है। शहर के बीचों बीच स्थित यू-ब्लॉक प्राइमरी स्कूल के प्रांगण में इस पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। पार्किंग में एक छोटे से स्थान पर 1100 गाड़ियों को खड़ा करने का प्रावधान होगा। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सरकार इसके निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन इसके उचित रखरखाव की परेशानी को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि मैकेनिकल पर्किंग के रखरखाव पा सालाना सवा करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है।
हर वर्ष पार्किंग के रख रखाव पर खर्च होगी सवा करोड़ की राशि
ऐसे में सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि इतना राजस्व इस पार्किंग से प्राप्त हो ताकि इसके रखरखाव का खर्च निकल सके। कहीं ऐसा न हो कि पार्किंग का निर्माण कर दिया जाएगा और उचित रखरखाव के अभाव में इसमें लगाया गया पैसा बर्बाद हो जाए। अनिल शर्मा ने बताया कि सरकार सभी बातों को ध्यान में रखकर जल्द ही कोई निर्णय लेगी ताकि शहर में पार्किंग की उचित व्यवस्था मुहैया करवाई जा सके।
क्या होती है मैकेनिकल पार्किंग
मैकेनिकल पार्किंग आज के आधुनिक युग की पार्किंग है। विदेशों में महानगरों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। एक छोटे से स्थान पर बहुमंजिला ढांचा बनाया जाता जो पूरी तरह से या तो झूले की तरह या फिर लिफ्ट की तरह काम करता है। जब गाड़ी यहां पार्किंग के लिए आती है तो उसे लिफ्ट करके अन्य मंजिलों पर ले जाकर पार्क कर दिया जाता है। यह सबकुछ मैकेनिज्म के कारण संभव हो पाता है। लेकिन इसके रखरखाव पर काफी खर्च आता है और इसी बात को लेकर मैकेनिकल पार्किंग के निर्माण में पेंच फंस रहा है।
चिन्हित दो पार्किंग स्थल रह गए अधूरे
पूर्व सरकारों ने मंडी शहर में दो स्थानों पर पार्किंग और शॉपिंग काम्पलेक्स बनाने का निर्णय लिया था। इसमें पहला स्थान जैंचू का नौण के पास चिंन्हित किया गया था और दूसरा स्थान जेल के पास। दोनों का ही पूर्व सरकारों ने शिलान्यास भी कर दिया लेकिन चिन्हित स्थान नदी-नालों के नजदीक होने के कारण एनजीटी से इसकी अनुमति नहीं मिल पाई। इन दोनों स्थानों पर 600 वाहनों को खड़ा करने का प्रावधान किया जाना था। मंडी शहर में अभी कहीं पर भी पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद ने कुछेक स्थानों पर पार्किंग बनाई लेकिन गाडि़यों के दबाव के आगे यह नाकाफी साबित हो रही है। यही कारण है कि लोग जहां जगह मिलती है वहां पार्किंग बना देते हैं और दिक्कत राहगीरों को होती है।