Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2021 08:02 PM
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को बताया कि राज्य में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों, क्षेत्रीय अस्पतालों, कोविड समर्पित अस्पतालों आदि में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के अलावा प्रदेश के...
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को बताया कि राज्य में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों, क्षेत्रीय अस्पतालों, कोविड समर्पित अस्पतालों आदि में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के अलावा प्रदेश के विभिन्न भागों में मेक शिफ्ट अस्पतालों का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के भंगरोटू में कोरोना मरीजों के लिए मेक शिफ्ट अस्पताल लगभग बनकर तैयार है और ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी में जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल विशेष रूप से मंडी जिले और पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भंगरोटू के मेक शिफ्ट अस्पताल में प्रभावी केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति के साथ 90 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की सुविधा है। इस मेक शिफ्ट अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी। इस अस्पताल के कार्यान्वित होने से श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल नेरचाैक में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भंगरोटू के अलावा मंडी के निकट खलियार में मेक शिफ्ट अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल का कार्य एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इस अस्पताल के सभी 200 बिस्तरों के लिए केंद्रीय ऑक्सीजन सुविधा के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। मंडी जिले में चरणबद्ध तरीके से ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल नेरचाैक में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की सुविधा को 120 बिस्तरों से बढ़ाकर 220 कर दिया गया है और इसे 300 बिस्तरों तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रकार बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर में 40 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर, मातृ एवं शिशु अस्पताल सुंदरनगर में 50 बिस्तर और नागरिक अस्पताल रत्ती में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की संख्या को 25 से बढ़ाकर 45 किया गया है।