Edited By kirti, Updated: 29 Dec, 2019 02:11 PM
कहते है इंसान में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती है। इन्ही पंक्तियों को सच कर दिखाया है ऊना जिला के गांव बसोली के रहने वाले विपन धीमान ने। विपन धीमान के पिता ऊना में ऑटो स्पेयर पार्ट का व्यवसाय करते है। अपने पिता के...
ऊना(अमित): कहते है इंसान में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती है। इन्ही पंक्तियों को सच कर दिखाया है ऊना जिला के गांव बसोली के रहने वाले विपन धीमान ने। विपन धीमान के पिता ऊना में ऑटो स्पेयर पार्ट का व्यवसाय करते है। अपने पिता के व्यवसाय के दौरान ही गाड़ियों में रूचि होने के चलते ही विपन ने ऑटोमोबाइल इंजीनिरिंग की। इस समय विपन आईआईटी मंडी में शोधकर्ता है। विपन ने ऑटो व्यवसाय को सस्ता और प्रदूषण रहित बनाने के उद्देश्य से आईआईटी मंडी के समक्ष सोलर ऊर्जा से चलने वाले ऑटो का प्रस्ताव रखा जिसे आईआईटी मंडी ने स्वीकार किया और सोलर ऑटो बनाने के लिए विपन को आर्थिक मदद दी वहीँ प्रदेश सरकार द्वारा भी विपन को एक साल के लिए हर माह सस्टेनस एलाउंस दिया जा रहा है।
इस ऑटो पर 800 वॉट का सोलर पैनल स्थापित किया गया है, सौर ऊर्जा से पूरा चार्ज होने के बाद यह ऑटो 200 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। इस ऑटो की अधिकतम स्पीड 45 किलोमीटर प्रति घंटा है वहीँ सौर ऊर्जा न मिलने पर इस ऑटो को बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है। यह ऑटो जहाँ ध्वनि रहित है वहीँ इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता है। विपन धीमान ने बताया कि इस ऑटो को बनाने के लिए उन्हें दो साल का समय लगा है। विपन ने बताया कि अभी तक इस ऑटो को बनाने में डेढ़ लाख का खर्च आ चूका है और 2 से अढ़ाई लाख के बीच यह ऑटो पूरी तरह से बनकर तैयार हो जायेगा। विपन ने बताया कि आईआईटी मंडी कैटालिस्ट द्वारा इस ऑटो को बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपये मिले है वहीँ प्रदेश स्रार द्वारा भी उन्हें एक साल के लिए 25 हजार रुपये प्रति माह सस्टेनस एलाउंस दिया जा रहा है।
विपन की माने तो डीजल ऑटो बंद होने के बाद यह ऑटो मैदानी इलाकों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। विपन ने बताया कि उसने अपनी कंपनी भी रजिस्टर्ड करवा ली है और जल्द ही ऊना में सोलर ऑटो बनाने का उद्योग स्थापित किया जायेगा जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। वहीं इस ऑटो की सवारी करने वाले भी ऑटो को देखकर खासे उत्साहित है। स्थानीय लोगों की माने तो इस ऑटो में कोई साउंड नहीं है और न ही इससे प्रदूषण होगा। स्थानीय लोगों की माने तो आने वाले समय में यह एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।