Edited By Vijay, Updated: 20 May, 2019 04:50 PM
हिमाचल देवभूमि है और जिला कुल्लू के कण-कण में भी देवी-देवताओं का वास है। यहां देवी-देवता नए रथ में विराजमान होने पर पार्वती व ब्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते हैं। रविवार को भुंतर से सटे पिपलागे की माता नैणा उग्रतारा 18 वर्ष बाद नए रथ पर विराजमान...
कुल्लू (मनमिंदर): हिमाचल देवभूमि है और जिला कुल्लू के कण-कण में भी देवी-देवताओं का वास है। यहां देवी-देवता नए रथ में विराजमान होने पर पार्वती व ब्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते हैं। रविवार को भुंतर से सटे पिपलागे की माता नैणा उग्रतारा 18 वर्ष बाद नए रथ पर विराजमान हुईं। माता नैणा दोपहर एक बजे अपने हारियानों के साथ ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुईं। वहीं इस शुभ अवसर पर तेगूबेहड़ से माता भद्रकाली भी अपने हारियानों सहित शामिल हुईं।
सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी किया स्नान
इस दौरान विधि-विधान के साथ माता नैणा ने पार्वती व ब्यास नदी के तट पर शाही स्नान किया। इसके बाद हवन भी किया गया, साथ ही सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी स्नान किया। इस दौरान मंदिर कमेटी की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।