Edited By Ekta, Updated: 06 Aug, 2019 01:00 PM
आस्था के आगे चुनौतियां भी नतमस्तक हो जाती हैं। जब कोई व्यक्ति मन में श्रद्धा के साथ किसी काम में जुट जाता है तो पहाड़ जैसी मुश्किलें भी उसके सामने झुकने लगती हैं। मामला जब भगवान की भक्ति से जुड़ा हो तब भक्त के आड़े कोई भी बाधा टिक नहीं पाती है।...
चिंतपूर्णी (हिमांशु): आस्था के आगे चुनौतियां भी नतमस्तक हो जाती हैं। जब कोई व्यक्ति मन में श्रद्धा के साथ किसी काम में जुट जाता है तो पहाड़ जैसी मुश्किलें भी उसके सामने झुकने लगती हैं। मामला जब भगवान की भक्ति से जुड़ा हो तब भक्त के आड़े कोई भी बाधा टिक नहीं पाती है। चिंतपूर्णी में इन दिनों श्रावण अष्टमी मेले चले हैं। ऐसे में मां भगवती की आराधना करने के लिए भक्त कठोर से कठोर तपस्या कर रहे हैं। माता चिंतपूर्णी के दरबार में नतमस्तक होने के लिए यूं तो भक्तों की बड़ी तादाद पहुंच रही है लेकिन कुछ ऐसे भी भक्त हैं जिनकी आस्था देखकर न केवल हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा है बल्कि नतमस्तक भी हो रहा है।
अष्टमी नवरात्र के चलते माता चिंतपूर्णी के दर उस समय श्रद्धा भक्ति का अजीव वातावरण बन गया जब सोमवार शाम कपूरथला निवासी दो 12 व 13 साल के बच्चे भरवाईं से चिंतपूर्णी तक लगभग 5 किलोमीटर तक दंडवत होते हुए मां के दरबार पहुंचे। इतने छोटे बच्चों का भक्ति भाव देख हर कोई दंग था। उस पर जब इन बच्चों से पूछा गया कि क्या मनोकामना थी आपकी जो मां के दरबार ऐसे जा रहे हो? दोनों बाल भक्त तपाक से बोले कि यह हमारी और मां की बात है, नहीं बता सकते।