Edited By Vijay, Updated: 26 May, 2018 09:35 PM
शनिवार को केंद्र सरकार के 4 साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 3 योजनाओं की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2019 तक हर घर को रसोई गैस उपलब्ध करवाने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन जाएगा।
शिमला: शनिवार को केंद्र सरकार के 4 साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 3 योजनाओं की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2019 तक हर घर को रसोई गैस उपलब्ध करवाने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन जाएगा। इसके तहत 33,600 महिलाओं को इस वर्ष गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना की शनिवार को शुरूआत कर रही है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को रसोई गैस कनैक्शन प्रदान किए जाएंगे। योजना के अंतर्गत रसोई गैस सिलैंडर व गैस चूल्हा खरीदने के लिए 3,500 रुपए का पैकेज प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां प्रत्येक घर की रसोई धुआं रहित होगी। सरकार की तरफ से शुरू की गई 3 योजनाओं में जनमंच कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना और हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना शामिल है।
जनमंच में 15 मिनट से अधिक भाषण नहीं देंगे मंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम आयोजित करने का मकसद सरकार और लोगों के बीच की दूरी को समाप्त करके घर-द्वार पर उनकी समस्याओं का निवारण करना है। इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। इस कार्यक्रम में मंत्री 15 मिनट से ज्यादा लंबा भाषण नहीं देंगे। मुख्यातिथि के आगमन पर शॉल, टोपी और फूलमालाएं नहीं पहनाई जाएंगी। सीधे समस्याओं को सुना जाएगा और मौके पर उनका निपटारा किया जाएगा। ई. समाधान के पोर्टल पर इसका लिंक दिया जाएगा, जिस पर लोग पहले ही अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। पहला कार्यक्रम 3 जून को सभी 12 जिलों में होगा। इस कार्य के लिए अधिकारी 15 दिन पहले से डट जाएंगे। जनमंच के दौरान स्थानांतरण, रोजगार और अदालत में चल रहे मामलों पर चर्चा नहीं होगी।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से युवाओं को मिलेगा लाभ
इस दौरान मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की भी शुरूआत की गई। योजना के तहत राज्य के 18 से 35 साल तक के युवाओं को लाभ मिलेगा। उद्योग में 40 लाख रुपए तक के निवेश पर संयंत्र और मशीनरी के निवेश पर 25 फीसदी की सबसिडी देने के अलावा महिलाओं और युवतियों को प्रोत्साहित करने के लिए 30 फीसदी सबसिडी मिलेगी। इसी तरह 40 लाख रुपए के ऋ ण पर 3 साल के लिए 5 फीसदी ब्याज पर उपदान मिलेगा। सरकारी भूमि पर 1 फीसदी की दर पर पट्टा दिया जाएगा और इसकी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। युवा अगर निजी भूमि खरीदना चाहता है तो स्टैंप ड्यूटी 6 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी की दर से देय होगी।
कपूर, कंवर व विक्रम ने गिनवाईं योजनाएं
प्रदेश सरकार के 3 मंत्रियों किशन कपूर, वीरेंद्र कंवर और विक्रम सिंह ने इस अवसर पर अपने विभाग से संबंधित शुरू की गई योजनाओं पर प्रकाश डाला। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर ने जहां हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना से प्रदेश की महिलाओं को मिलने वाले लाभ की जानकारी दी तो वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। इसी तरह उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डा. आर.एन. बत्ता ने जनमंच कार्यक्रम के बारे विस्तृत जानकारी दी। निदेशक उद्योग राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में सहयोग देगी पार्टी : सत्ती
हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से चलाई जा रहीं योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए पार्टी सहयोग देगी। उन्होंने केंद्र सरकार के 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी, साथ ही प्रदेश सरकार के 5 माह के कार्यकाल के कामकाज की सराहना भी की।
2 मंत्री कार्यक्रम से रहे अनुपस्थित
प्रदेश सरकार के 2 वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह और अनिल शर्मा कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कुछ समय के लिए कार्यक्रम के लिए आए। इसके अलावा शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी, कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, वन एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल, सांसद विरेंद्र कश्यप, रामस्वरूप शर्मा, अनुराग ठाकुर और भाजपा विधायक के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस अवसर पर मौजूद थे।
कार्यक्रम में दिखी अव्यवस्था
प्रदेश सरकार की तरफ से 3 योजनाओं के शुभारंभ करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था देखने को मिली। मुख्यमंत्री जहां कार्यक्रम में 45 मिनट देरी से पहुंचे तो वहीं विधायकों को सीट के लिए तरसना पड़ा। जो सीटें जिस वर्ग के लिए आरक्षित थीं, वहां पर कोई और ही बैठा था।