हिमाचल में मानसून से अब तक 1217.29 करोड़ का नुक्सान, 264 लोगों की गई जान

Edited By Vijay, Updated: 18 Sep, 2018 07:16 PM

loss of rs 1217 29 crores from monsoon in himachal

प्रदेश में 1 जुलाई से 17 सितम्बर तक मानसून की भारी वर्षा, बाढ़ और बादल फटने के कारण अब तक 1217.29 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इस अवधि में कुल 264 लोगों की जान गई जिनमें क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण सड़क दुर्घटनाओं से 199 मौतें हुईं।

शिमला (विकास): प्रदेश में 1 जुलाई से 17 सितम्बर तक मानसून की भारी वर्षा, बाढ़ और बादल फटने के कारण अब तक 1217.29 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इस अवधि में कुल 264 लोगों की जान गई जिनमें क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण सड़क दुर्घटनाओं से 199 मौतें हुईं। राज्य में बादल फ टने के 33 तथा भू-स्खलन के 391 मामले सामने आए जिनके कारण सम्पत्ति को भारी नुक्सान हुआ है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को मानसून के दौरान हुए नुक्सान और क्षति को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। लोक निर्माण विभाग को वर्षा के कारण सड़कों, पुलों, डंगों और दीवारों को हुई क्षति से सर्वाधिक 735 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ।

उचित डंपिंग स्थल किए जाएं चिन्हित
भारी बारिश के साथ मलबे की अनियोजित डंपिंग से भी सड़कों को क्षति पहुंची। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उचित डंपिंग स्थल चिन्हित किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावी क्रॉस नालियां तथा सड़कों के किनारे ड्रेनेज सुविधाएं सुनिश्चित बनाई जानी चाहिएं। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को 328.78 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। अनेक मुख्य, मध्यम व लघु पेयजल आपूर्ति और सिंचाई योजनाएं भू-स्खलन व भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुईं। इसी तरह कृषि व बागवानी क्षेत्र को 88.81 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है जबकि ऊर्जा क्षेत्र को 24.50 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुंचा।

केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपेगी सरकार
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश को हुए नुक्सान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार को ज्ञापन प्रस्तुत करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार से उदार वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों की उचित मदद की जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में पूर्व चेतावनी एवं अलर्ट प्रणाली के लिए एन.डी.एम.ए. की तरफ से विकसित पायलट टैस्टिंग ऑफ  कॉमन अलर्ट प्लेटफ ार्म का प्रशिक्षण किया गया।

डी.सी. राणा ने दी बाढ़ व वर्षा के कारण हुई क्षति पर विस्तृत रिपोर्ट
विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डी.सी. राणा ने इस अवसर पर राज्य में बाढ़ व वर्षा के कारण हुई क्षति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्य सचिव के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य सचिव देवेश कुमार, शिक्षा सचिव डा. अरुण कुमार शर्मा, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ  अनिल बाहरी इस अवसर पर उपस्थित थे।

तत्काल बहाली व मुरम्मत कार्य को दिए 229.64 करोड़
प्रदेश सरकार ने क्षतिग्रस्त अधोसंरचनाओं की तत्काल बहाली व मुरम्मत कार्यों के लिए 229.64 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। कांगड़ा जिला के नूरपुर में एक एन.डी.आर.एफ . की कंपनी तैनात की गई है। इसके अतिरिक्त प्रमुख नदियों के जल स्तर की दैनिक निगरानी भी सुनिश्चित बनाई जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने तथा शुरूआती चेतावनी के लिए पहली बार मंडी जिला के कोटरोपी तथा ओट में भू-स्खलन सैंसर स्थापित किए गए हैं।

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