Edited By Vijay, Updated: 16 Oct, 2018 10:26 PM
मानसून की अवधि के दौरान वर्षा, बादल फटने और बर्फबारी के कारण इस साल कृषि को 121 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। इस दौरान 604.80 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि बह गई तथा 105 करोड़ रुपए से अधिक की फसल तबाह हुई है।
शिमला: मानसून की अवधि के दौरान वर्षा, बादल फटने और बर्फबारी के कारण इस साल कृषि को 121 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। इस दौरान 604.80 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि बह गई तथा 105 करोड़ रुपए से अधिक की फसल तबाह हुई है। कृषि मंत्री डा. राम लाल मारकंडा ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद प्रदान करने के प्रयास कर रही है।
मानसून अवधि के दौरान करीब 1,479 करोड़ का नुक्सान
उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला में 25.98 लाख रुपए, चम्बा में 1583.02 लाख रुपए, हमीरपुर में 758.77 लाख रुपए, कांगड़ा में 2212.97 लाख रुपए, किन्नौर में 114.84 लाख रुपए, कुल्लू में 259.85 लाख रुपए, लाहौल-स्पीति में 1771.45 लाख रुपए, मंडी में 201.05 लाख रुपए, शिमला में 2815.09 लाख रुपए, सिरमौर में 966.61 लाख रुपए, सोलन में 290.00 लाख रुपए तथा ऊना में 1112.20 लाख रुपए का नुक्सान आंका गया है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून अवधि के दौरान करीब 1,479 करोड़ रुपए तक का नुक्सान आंका गया है। इसमें से गत सितम्बर माह के अंतिम सप्ताह में भारी बरसात व बर्फबारी से करीब 220.29 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है।
केंद्र से मांगी जाएगी वित्तीय मदद
राज्य सरकार कृषि सहित बरसात से हुए नुक्सान के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मांगेगी। अब तक केंद्र सरकार से पहली किस्त के रूप में 122 करोड़ रुपए की राशि पुनर्वास कार्यों के लिए जारी हुई है। बरसात से हुए नुक्सान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय दल जल्द राज्य का दौरा करेगा। इस तरह प्रदेश सरकार की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य को वित्तीय मदद उपलब्ध करवाई जाएगी।