हिमाचल का ऐसा मंदिर जहां भगवान श्रीकृष्ण उलटी दिशा में बजाते हैं बांसुरी

Edited By Vijay, Updated: 03 Mar, 2020 04:19 PM

lord shri krishna plays the flute in the opposite direction

हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीहरा में एक ऐसा श्रीकृष्ण का मंदिर मौजूद है जो मुरली मनोहर मंदिर के नाम से जाना जाता है। कटोच वंशज के राजा संसार चंद के जमाने से स्थापित यह मंदिर आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसी मंदिर से कटोच वंश के समय से होली मेले...

हमीरपुर (अरविंदर): हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीहरा में एक ऐसा श्रीकृष्ण का मंदिर मौजूद है जो मुरली मनोहर मंदिर के नाम से जाना जाता है। कटोच वंशज के राजा संसार चंद के जमाने से स्थापित यह मंदिर आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसी मंदिर से कटोच वंश के समय से होली मेले का आगाज श्रीकृष्ण और राधा रानी को गुलाल लगाकर किया जाता है। करीब 400 साल से चली आ रही इस परपंरा को आज भी निभाया जाता है। मंदिर से ही विधिवत पूजा-अर्चना करके राष्ट्र स्तरीय होली का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है। मंदिर की खासियत को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे क्योंकि मुरली मनोहर मंदिर में सैंकड़ों साल पहले से श्रीकृष्ण की मूर्ति पर बांसुरी विपरीत दिशा में पकड़ी गई है, जिसका रहस्य बरकरार है क्योंकि यूं तो अक्सर आपने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में बांसुरी को सीधी दिशा में पकड़े हुए देखा है लेकिन इस मंदिर में बांसुरी की दिशा ही उलटी है।

महाराज संसार चंद के समय से जुड़ी है यह कथा

मुरली मनोहर मंदिर में मौजूद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति में सुसज्जित बांसुरी विपरीत दिशा में दिखाई देती है जोकि अपने आप में रहस्य समेटे हुए है। बांसुरी के दूसरी दिशा में होने के पीछे महाराजा संसार चंद के समय से कथा जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जिस समय मुरली मनोहर मंदिर के अंदर श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना की जा रही थी तो महाराजा संसार चंद ने मूर्ति की स्थापना पर सवालियां निशान खड़े किए और कहा कि अगर सुबह तक मुझे जवाब नहीं मिला तो सभी पुजारियों के सिर काट दिए जाएंगे, जिस पर पुजारी रात भर चिंता में रहे लेकिन सुबह मंदिर के अंदर भगवान श्रीकृष्ण के चमत्कार को देख कर दंग रह गए। मंदिर में बांसुरी दूसरी दिशा में घूम गई थी। पुजारियों ने बताया कि शाम के समय बांसुरी की दिशा सीधी दिशा में थी लेकिन अब बांसुरी की दिशा विपरीत हो गई है इसे साक्षात भगवान श्रीकृष्ण के मौजूद होने का सबूत मिलता है।

पूरे ब्रहामांड में अकेला ऐसा मंदिर

कटोच वंश के राजाओं के कुल पुरोहित रवि अवस्थी ने बताया कि मुरली मनोहर मंदिर सुजानपुर में 3 मूर्तियां स्थापित हैं और भगवान श्रीकृष्ण की मुख्य मूर्ति में सुसज्जित बांसुरी विपरीत दिशा में है जोकि पूरे ब्रहामांड में अकेला ऐसा मंदिर है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण महाराजा संसार चंद के समय में करवाया गया था और उस समय से भगवान श्रीकृृष्ण की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करने पर हर मुराद पूरी होती है।

एक लख टकियां के नाम से भी जाना जाता है मंदिर

स्थानीय निवासी राजन मेहता ने बताया कि मुरली मनोहर मंदिर को एक लख टकियां के नाम से भी जाना जाता क्योंकि इसका निर्माण महाराजा संसार चंद के समय में एक लाख रुपए से करवाया गया था, जिसको देख कर उस जमाने की याद ताजा हो जाती है। उन्होंने बताया कि मंदिर के अंदर बेहतरीन नक्काशी की गई और मंदिर की सजावट इस तरीके से हुई है कि भक्तजन आकर भक्तिमय हो जाते हंै।

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