लोकसभा चुनाव 2019: इन सीटों पर कब्जा जमाने के लिए मैदान में कूदे हिमाचल के दिग्गज नेता

Edited By Ekta, Updated: 05 Jun, 2018 11:45 AM

lok sabha election 2019

अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए कांग्रेस आलाकमान ने विभिन्न राज्यों में एक-एक सीट पर फोकस करते समय दमदार प्रत्याशी उतारने की कवायद शुरू कर दी है। हिमाचल की चारों सीटों पर कांग्रेस आलाकमान ने एक आंतरिक सर्वेक्षण करवा...

नई दिल्ली/शिमला: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए कांग्रेस आलाकमान ने विभिन्न राज्यों में एक-एक सीट पर फोकस करते समय दमदार प्रत्याशी उतारने की कवायद शुरू कर दी है। हिमाचल की चारों सीटों पर कांग्रेस आलाकमान ने एक आंतरिक सर्वेक्षण करवा कर जिताऊ प्रत्याशियों पर दाव खेलने का फैसला किया है। लंबे समय से भाजपा के कब्जे में चली आ रही हमीरपुर संसदीय सीट पर विजय पताका फहराने के लिए तो पार्टी आलाकमान ने खास रणनीति बनाई है। अत्यंत विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राजपूत बहुल हमीरपुर संसदीय सीट पर कांग्रेस आलाकमान की पहली पसंद प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू बने हैं जो तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वह राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।  


कांग्रेस आलाकमान के समक्ष उन्होंने कई बार खुद को प्रदेश का कद्दावर नेता साबित करने का भरपूर प्रयास भी किया है। उनके पक्ष में यह बात की जाती है कि वह उसी हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं जहां से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर लगातार जीत की तिकड़ी जमा चुके हैं और इस बार भी उन्हें टिकट मिलना तय है। कांग्रेस आलाकमान हमीरपुर में ही अनुराग को घेरने की फिराक में है और कांग्रेस आलाकमान की नजर में सुक्खू सबसे मुफीद चेहरा हैं। वह लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान भी संभाले हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र को भी विश्वास में लेने की कोशिश की है। 


हमीरपुर संसदीय सीट पर आलाकमान की दूसरी पसंद राणा परिवार है। राजेंद्र राणा ने जिस तरह इस बार भाजपा के कद्दावर प्रत्याशी व मुख्यमंत्री के घोषित चेहरे प्रेम कुमार धूमल को हराकर प्रदेश की राजनीति की दिशा बदल दी है, उससे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनसे बहुत प्रभावित हैं और उन्होंने दिल्ली बुलाकर राणा की पीठ थपथपाई है। अगर वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते और अपने विधानसभा क्षेत्र पर ही फोकस करना चाहें तो फिर उनके बेटे अभिषेक राणा के नाम पर भी आलाकमान ने मंथन किया है। बहरहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू टिकट की दौड़ में पहले पायदान पर हैं। 


कांगड़ा लोकसभा सीट पर इस समय शांता कुमार सांसद हैं। उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर रखा है। उनके चुनाव न लड़ने की सूरत में भाजपा प्रत्याशी कौन होगा, इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है लेकिन कांग्रेस आलाकमान की इस संसदीय सीट पर पहली पसंद सुधीर शर्मा और दूसरी पसंद जी.एस. बाली बने हैं। दोनों प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और पूर्व मंत्री भी हैं। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में ब्राह्मण उम्मीदवार को ही उतारने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस आलाकमान फिलहाल कशमकश के दौर में है। यहां से वीरभद्र्र सिंह या ठाकुर कौल सिंह के परिवार से किसी को मैदान में उतारा जा सकता है। भाजपा की ओर से सिटिंग सांसद रामस्वरूप का टिकट पक्का माना जा रहा है। 


शिमला आरक्षित संसदीय सीट पर भाजपा द्वारा इस बार प्रत्याशी बदले जाने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री व सोलन से कांग्रेस के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल को अपनी पहली पसंद में रखा है जबकि दूसरे विकल्प के रूप में पूर्व सांसद स्व. कृष्णदत्त सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी के नाम पर भी आलाकमान विचार कर रहा है। वर्ष, 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा आलाकमान ने समय रहते चारों सीटों पर फोकस करते हुए जिस तरह आंतरिक सर्वेक्षण के जरिए दमदार प्रत्याशी उतारने की कवायद को अंजाम देना शुरू किया है, उससे प्रदेश की कांग्रेस राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राहुल आने वाले दिनों में प्रदेश कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता वीरभद्र्र सिंह को दिल्ली बुला कर चारों संसदीय सीटों के संभावित प्रत्याशियों के नाम पर अपनी अंतिम मुहर लगा सकते हैं।


जहां आवश्यक हुआ वहां बदले जाएंगे प्रत्याशी: शांता 
दिग्गज भाजपा नेता शांता कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वर्ष, 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में जीत के लिए मैदान में उतरेगी। दिल्ली में भाजपा की सरकार दोबारा बने इसके लिए जहां भी आवश्यक होगा पार्टी उसी अनुरूप निर्णय लेगी तथा जहां प्रत्याशी बदले जाने की आवश्यकता होगी, पार्टी प्रत्याशियों को बदलेगी। वहीं चुनाव मैदान में उतरने बारे पूछे गए प्रश्न के उत्तर में शांता कुमार ने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि वह अब चुनाव लड़ें, लंबे समय से वह चुनावी राजनीति का हिस्सा रहे हैं परंतु वह चाहते हैं कि किसी कर्मठ कार्यकत्र्ता को चुनाव लडऩे का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी के पास बहुत ही अच्छे तथा सक्षम कार्यकत्र्ता हैं। पार्टी द्वारा उन्हें ही चुनाव मैदान में उतारे जाने बारे उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति नहीं आएगी तथा पार्टी समय पर उचित निर्णय लेगी। 


हाईकमान ही लगाएगा प्रत्याशियों के नाम पर मोहर
कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों को लेकर अभी पार्टी स्तर पर मंथन शुरू नहीं हुआ है। हालांकि प्रदेश कांग्रेसजनों का मानना है कि प्रत्याशियों के नामों पर जल्द मोहर लगे। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ही प्रत्याशियों के नाम पर मोहर लगाएगा और ऐसे चेहरों को ही मैदान में उतारा जाएगा, जो जितने की क्षमता रखते हों। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ऐसा नहीं है कि जो नेता पहले चुनाव हारे है, उनको फिर प्रत्याशी नहीं बनाया जा सकता। चुनाव हारने से कोई नेता नहीं रहता है, ऐसा नहीं है। अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश कांग्रेस लोस चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की नाकामियों से लोगों को अवगत करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है।

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