कोरोना मामले बढ़े तो लॉकडाउन हो जाएगा असफल : राठौर

Edited By prashant sharma, Updated: 05 May, 2020 05:11 PM

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कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में कोरोना के 2 नए मामले पाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाहर से जितने लोग वापिस अपने प्रदेश आ रहें है उनकी न तो सही ढंग से स्किनिंग हो रही है और न ही कोई स्वास्थ्य जांच।

शिमला : कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में कोरोना के 2 नए मामले पाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाहर से जितने लोग वापिस अपने प्रदेश आ रहें है उनकी न तो सही ढंग से स्किनिंग हो रही है और न ही कोई स्वास्थ्य जांच। उन्होंने कहा है कि अगर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होती है तो हमारा 40 दिनों का लॉक डाउन पूरी तरह असफल साबित होगा। आज एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा कोरोना को लेकर प्रस्तुत आंकड़ों को पूरी तरह हास्यस्पद बताते हुए कहा जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 70 लाख, यानी पूरे प्रदेश के इस महामारी को लेकर स्क्रीनिंग की बात कही थी। उन्होंने कहा कि केवल आशा वर्कर या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घरों में जाकर जानकारी जुटाने को अगर मुख्यमंत्री स्क्रीनिंग का नाम देते है तो यह बड़ा आश्चर्यजनक दावा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस महामारी को लेकर टेस्टिंग किट्स भी पूरी तरह से उपलब्ध नही है, ऐसे में हम यह कैसे दावा कर सकते है कि प्रदेश पूरी तरह कोरोना मुक्त है। 

उन्होंने कहा कि उनकी सूचना के अनुसार प्रदेश की 70 लाख की आबादी में से केवल 7 हजार लोगो के ही टेस्ट हुए है, जो आंकड़ों में 0.1 प्रतिशत ही बनता है। ऐसे में मुख्यमंत्री प्रदेश के साथ साथ देश के लोगों को भी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बाहर से आने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग व स्क्रीनिंग करने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। उन्हें डर है कि यह संक्रंमण कही प्रदेश को अपनी चपेट में न ले ले। उन्होंने कहा कि जयराम अपनी पीठ खुद थपथपा रहें है जबकि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए बहुत बड़े आधारभूत ढांचे की आवश्यकता है। जब कांग्रेस इस महामारी को लेकर कमियों को उजागर करती है तो मुख्यमंत्री इसे राजनीति की संज्ञा देते है। मुख्य विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह लोगों को आ रही समस्याओं और सरकार की कमियों को प्रमुखता से उठाये। अगर इसमें उन्हें कोई राजनीति नजर आती है तो उन्हें अपनी आंखों का ईलाज करवा लेना चाहिए। 

उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश में जिस समय इस संक्रमण का अंदेशा आया था, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को सचेत किया था। उस समय प्रधानमंत्री नमस्ते ट्रम्प और मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने के तानेबाने में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को मध्यप्रदेश में भाजपा अपनी सरकार बनाती है और 24 मार्च की रात को देश में लॉक डाउन की घोषणा की जाती है। यानी सब कुछ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। देश के नागरिकों को अपने अपने घर जाने का भी मौका नहीं दिया गया। आज देश के लोग अपने अपने घरों में जाने के लिए धक्के खा रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्णय लिया है कि पार्टी देश के उन सभी कामगरों को रेल किराया देगी जो इस समय लॉक डाउन की वजह से अपने घर जाना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विदेशों से 15 लाख एनआरआई को तो भारत लाने के लिए विशेष व्यवस्था कर सकते है पर भारत के अंदर रहने वाले गरीब और कामगारों को उनके घर नहीं भेज सकते। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले इन एनआरआई की कोई भी स्क्रीनिंग और कोरोना टेस्टिंग तक नहीं हुई, जबकि सब जानते है कि यह महामारी विदेशों से ही भारत में आई। अभी हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कुल 11 देशों में कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन के दौरान कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर एक सर्वेक्षण किया है जिसमें उन्होंने भारत को 11वें पायदान यानी अंत में रखा है। उन्होंने इस पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि कांग्रेस इस माहमारी व देश के सामने आने वाली ज्वलंत समस्याओं को लेकर बहुत चिंतित है।
 

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