Edited By Vijay, Updated: 04 Apr, 2020 03:59 PM
लॉकडाऊन के चलते कई व्यवसायियों की कमर टूटने लगी है। पॉल्ट्री उद्योग तो बुरी तरह से तहस-नहस होने की कगार पर पहुंच चुका है। एक तरफ लोग अपनी पॉल्ट्री से चूजों को इसलिए छोड़ रहे हैं कि उन्हें फीड नहीं मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ जो अंडों की सप्लाई कर रहे...
ऊना (सुरेन्द्र): लॉकडाऊन के चलते कई व्यवसायियों की कमर टूटने लगी है। पॉल्ट्री उद्योग तो बुरी तरह से तहस-नहस होने की कगार पर पहुंच चुका है। एक तरफ लोग अपनी पॉल्ट्री से चूजों को इसलिए छोड़ रहे हैं कि उन्हें फीड नहीं मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ जो अंडों की सप्लाई कर रहे हैं, उनकी सप्लाई कोई इसलिए नहीं ले रहा क्योंकि लॉकडाऊन के चलते दुकानें नहीं खुल रही हैं। जिला मुख्यालय के निकट रैंसरी में एक सैमी ऑटो पॉल्ट्री फार्म में 4 लाख अंडों का ढेर लग चुका है, जिनकी बाजार में सप्लाई नहीं हो पा रही है।
खराब होने शुरू हो चुके हैं अंडे
पॉल्ट्री फार्म के प्रबंधक शिव कुमार मौदगिल व राजेश मौदगिल का कहना है कि हर रोज उनकी पॉल्ट्री फार्म में 44 हजार अंडों का उत्पादन होता है लेकिन बाजार में न पहुंचने से काफी नुक्सान हो रहा है। 3 सप्ताह तक ही वे इन्हें स्टोर कर सकते हैं लेकिन इसके बाद ये खराब होने शुरू हो चुके हैं। यदि सरकार इनकी सप्लाई को बहाल कर दे तभी यह उद्योग बच पाएगा।
क्या बोले पशुपालन विभाग के अधिकारी
पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरैक्टर जय सिंह सेन ने बताया कि विभाग की तरफ से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आवाजाही के पास तो बना दिए हैं ताकि वे सप्लाई कर सकें लेकिन कर्फ्यू के चलते जो 3 घंटे दुकानें खोलने की सुबह के समय गाइडलाइंस हैं उनका पालन प्रशासन करवा रहा है। जब लॉकडाऊन खुलेगा तभी इस व्यवसाय से जुड़ी दुकानें काम कर पाएंगी।