Edited By Vijay, Updated: 07 May, 2020 08:24 PM
वर्षों बाद अगर आपके घर का बिछड़ा हुआ कोई सदस्य अचानक से मिल जाए तो कुछ देर के लिए जमीं पर आपके पैर रुक जाएंगे क्योंकि जिसको आप भूल चुके थे और उसके आने की कोई उम्मीद भी नहीं बची थी वह अचानक से प्रकट हो जाए तो उसके परिवार के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या...
मंडी (पुरुषोत्तम): वर्षों बाद अगर आपके घर का बिछड़ा हुआ कोई सदस्य अचानक से मिल जाए तो कुछ देर के लिए जमीं पर आपके पैर रुक जाएंगे क्योंकि जिसको आप भूल चुके थे और उसके आने की कोई उम्मीद भी नहीं बची थी वह अचानक से प्रकट हो जाए तो उसके परिवार के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या होगी। जिला मंडी के बल्ह क्षेत्र की ग्राम पंचायत सौयरा के एक परिवार को भी ऐसी ही खुशी मिली है। कोरोना के चलते लगा लॉकडाऊन उक्त परिवार के मानो तोहफा लेकर आया है।
करीब 18 वर्ष पहले घर से लापता हुए सुंदर सिंह जिसे संभावित हर जगह ढूंढने के बावजूद अब मिलने की उम्मीद खो चुके परिवार के आंगन में जैसे ही उसने कदम रखे तो परिवार के खुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। सुंदर के छोटे भाई सीता राम शास्त्री ने बताया कि उनके लापता भाई के बारे में गत 2 दिन पहले सूचना मिली थी कि वह जिला सोलन के राधा स्वामी सत्संग भवन स्थित नालागढ़ में कुछ समय से रह रहा था। लॉकडाऊन के चलते जब अन्य लोग वहां से चले गए तो वह वहां पर अकेला रह गया।
सत्संग भवन में उसे खाना देने वाले राजेश धीमान व अन्य लोगों ने जब उससे घर न जाने का कारण व उसका पूरा पता पूछा तब जाकर उन्हें उसके बारे में जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने उसके पास की व्यवस्था करते हुए उसे सोयरा गांव तक लाने का पूरा प्रबन्ध किया। घर मे सुंदर की पत्नी के साथ उसकी बहू ओर पोती रहती हैं। 2 बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि बेटे की करीब 6 वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में मृत्यु हो चुकी है। सुंदर की उम्र अब 72 वर्ष पार कर चुकी है।