Edited By kirti, Updated: 11 Nov, 2018 11:14 AM
नाम मोना, आयु 6 वर्ष, काम पतली रस्सी पर कभी नंगे पांवों इधर से उधर चलती है, तो कभी साइकिल के रिम पर पांव रखकर रस्सी को पार करती है। संतुलन मात्र करतब दिखाने के लिए नहीं है अपितु यह संतुलन परिवार के जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।...
पालमपुर : नाम मोना, आयु 6 वर्ष, काम पतली रस्सी पर कभी नंगे पांवों इधर से उधर चलती है, तो कभी साइकिल के रिम पर पांव रखकर रस्सी को पार करती है। संतुलन मात्र करतब दिखाने के लिए नहीं है अपितु यह संतुलन परिवार के जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। बंजारा समुदाय से संबंधित मोना प्रतिदिन इसी प्रकार पतली रस्सी पर संतुलन बनाती है। चेहरे पर न कोई शिकन उभरती है और न ही अब मोना को इस करतब को दिखाने में डर लगता है।
जीवन का अंग बन चुका यह करतब कब से मोना कर रही है यह वह भी नहीं जानती बस इतना जानती है कि उसे रोज रस्सी पर चलना है ताकि परिवार तथा उसका पेट भरा जा सके। दिन में परिवारजनों संग 4 से 5 करतब प्रतिदिन मोना दिखाती है। कभी अपनी चाची के संग जमीन पर लोटपोट होकर लोगों का मनोरंजन करती है तो कभी रस्सी पर चलते समय सिर पर फूलदान रखकर अपने हुनर को दिखाती है।
यही हुनर न केवल उसके हिस्से में तालियां बटोरता है अपितु पेट भरने के लिए पैसे भी दिलवाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी यह परिवार इसी प्रकार अपना पालन पोषण कर रहा है। समय के साथ यद्यपि कद्रदान कम हुए हैं परंतु फिर भी आज भी इतने कद्रदान मिल जाते हैं कि परिवार का पेट भरा जा सके। मौसम बदलने के साथ यह परिवार भी स्थान बदलते रहते हैं।