Edited By Vijay, Updated: 17 Jun, 2022 10:25 PM
विशेष न्यायाधीश द्वितीय, सिरमौर डाॅ. अबीरा बासु की अदालत ने हत्या व नशे के मामले में 2 दोषियों को कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार हत्या के मामले में मुजरिमनीता राम निवासी ग्राम बोकला, डाकघर शिला, तहसील शिलाई को आईपीसी की धारा के...
नाहन (साथी): विशेष न्यायाधीश द्वितीय, सिरमौर डाॅ. अबीरा बासु की अदालत ने हत्या व नशे के मामले में 2 दोषियों को कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार हत्या के मामले में मुजरिमनीता राम निवासी ग्राम बोकला, डाकघर शिला, तहसील शिलाई को आईपीसी की धारा के तहत आजीवन कारावास व 20,000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर मुजरिम को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने मुजरिम को 2 साल की कैद व एक हजार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए। आईपीसी की धारा 452 के तहत भी मुजरिम को 1000 रुपए जुर्माना किया गया। जुर्माना अदा न करने की सूरत में मुजरिम को 7 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त जिला न्यायवादी जतिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 31 अक्तूबर, 2015 को ग्राम पंचायत बोकला पब्ब के प्रधान तोता राम ने थाना शिलाई में फोन पर सूचना दी थी कि नीता राम ने चंदन सिंह की हत्या कर दी है। पुलिस ने मुजरिम के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 452 के तहत मामला दर्ज किया था। थाना प्रभारी दुला राम ने मामले की जांच की। एसएचओ द्वारा भौतिक साक्ष्य के साथ-साथ वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए गए। जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट तैयार कर अदालत में पेश की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए। अदालत ने सबूतों के आधार पर मुजरिम को उक्त सजा सुनाई है।
नशीले कैप्सूल के साथ दबोचा था आरोपी
दूसरे मामले में अदालत ने मुजरिम साजिद अली पुत्र मंजूर अली निवासी ग्राम मेहरूवाला, डाकघर भंगानी को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 के तहत 7 साल के साधारण कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में मुजरिम को 3 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त जिला न्यायवादी जतिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 1 मई, 2013 को भीष्म ठाकुर सहित अन्य पुलिस अधिकारी पैट्रोलिंग पर थे। इस दौरान एक बाइक सवार साजिद अलीसे स्पैस्मो प्रोक्सीवोन के 808 नशीले कैप्सूल बरामद किए गए थे। मामले की जांच एसएचओ भीष्म ठाकुर ने की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 11 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए। अदालत ने सबूतों के आधार पर मुजरिम को उक्त सजा सुनाई।
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