हिमाचल में जनजीवन होने लगा सामान्य, बारिश से 833 करोड़ की संपत्ति तबाह, 1158 मकान क्षतिग्रस्त

Edited By Ekta, Updated: 22 Aug, 2019 09:58 AM

life became normal in himachal 833 crore ruined assets due to rain

हिमाचल में बरसात के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण 833 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इस दौरान 1158 कच्चे व पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य के 48 लोग अब तक प्राकृतिक आपदाओं के कारण जान गंवा चुके हैं। राहत की बात यह है कि...

शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल में बरसात के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण 833 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इस दौरान 1158 कच्चे व पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य के 48 लोग अब तक प्राकृतिक आपदाओं के कारण जान गंवा चुके हैं। राहत की बात यह है कि बीते 2 दिनों से मौसम साफ होने के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है, लेकिन सड़कों की कनैक्टिविटी सही न होने से प्रदेशवासियों को आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सूबे में 5 दिनों से पांवटा-हाटकोटी एन.एच. सहित 655 सड़कें बंद हैं। अकेले मंडी जोन में 334 सड़कें, शिमला जोन में 226, हमीरपुर जोन में 53 तथा कांगड़ा जोन में 42 सड़कें बंद पड़ी हैं।  
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पी.डब्ल्यू.डी. का दावा है कि 371 सड़कें बुधवार देर शाम तक, 130 सड़कें वीरवार शाम तथा 154 सड़कें शुक्रवार शाम तक बहाल कर दी जाएंगी। सड़कें बंद होने के कारण प्रदेशभर में तकरीबन 480 रूटों पर परिवहन सेवाएं प्रभावित हैं। इस वजह से लोगों को आने-जाने मेंकठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुल्लू जिला के थलोट डिवीजन में अभी भी 30 विद्युत ट्रांसफार्मर ठप्प होने से सैंकड़ों घर अंधेरे में हैं। किन्नौर, लाहौल-स्पीति व चंबा सहित प्रदेशभर में 180 ट्रांसफार्मर ठप्प बताए जा रहे हैं। हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाला पांवटा-हाटकोटी एन.एच. बंद 5 दिन से अवरुद्ध है। सामान्य दिनों में रोहड़ू मंडी का ज्यादातर सेब इसी सड़क से होते हुए बाहरी राज्यों को भेजा जाता है, लेकिन सड़क बंद होने से बागवानों को कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं। उन्हें मजबूरन कोटखाई-ठियोग होते हुए सेब को मंडियों के लिए भेजना पड़ रहा है। 
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सेब की ढुलाई पर सबसे बुरा असर

सड़कें बंद होने का सबसे बुरा असर सेब ढुलाई पर पड़ा है। इससे करोड़ों रुपए का सेब बगीचों, गोदाम व पेटियों में ही सड़कें का बागवानों को भय सता रहा है।
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किस विभाग को कितना नुक्सान

पी.डब्ल्यू.डी. महकमे को सबसे ज्यादा 462.27 करोड़ रुपए की चपत मौजूदा मानसून सीजन के दौरान लगी है। इसी तरह आई.पी.एच. की 7400 से ज्यादा पेयजल, सिंचाई व सीवरेज स्कीमों को 283 करोड़, कृषि को 38.36 करोड़, बागवानी को 11.20 करोड़ तथा बिजली बोर्ड को 20 करोड़ का नुक्सान हो चुका है।

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