Edited By Vijay, Updated: 22 Jan, 2019 10:22 PM
लाहौल घाटी में लगातार हो रही बर्फबारी से हिमखंड गिरने का खतरा बढ़ गया है। हिमखंडों के बाद अब लाहौल घाटी में भूकंप के झटकों से दशहत का माहौल है। उदयपुर के आसपास मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सबसे तेज झटके करीब 3 बजकर 54 मिनट और 4 बजकर 4...
मनाली: लाहौल घाटी में लगातार हो रही बर्फबारी से हिमखंड गिरने का खतरा बढ़ गया है। हिमखंडों के बाद अब लाहौल घाटी में भूकंप के झटकों से दशहत का माहौल है। उदयपुर के आसपास मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सबसे तेज झटके करीब 3 बजकर 54 मिनट और 4 बजकर 4 मिनट पर महसूस किए गए। उदयपुर निवासी शेर सिंह व हरि ने बताया कि बीती रात अढ़ाई बजे और सुबह 4 बजे हल्के झटके महसूस किया गए। उन्होंने बताया कि मंगलवार को शाम 4 बजकर 4 मिनट वाला झटका इतना तेज था कि लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बर्फबारी से घाटी में दहशत का माहौल है। हालांकि किसी भी जानमाल के नुक्सान की कोई खबर नहीं है लेकिन लाहौल घाटी में लोग हिमखंड गिरने व भूकंप के झटके होने से दहशत में हैं।
हिमखंड गिरने से 18 घंटे से बंद है चिनाब का बहाव
बता दें कि त्रिलोकनाथ के समीप भागरु नाले सहित उदयपुर से 7 किलोमीटर दूर भूतनाथ मंदिर के समीप नाले में भारी हिमखंड गिरने से चिनाब नदी का बहाव रुक गया था। इन स्थानों पर अब हालात खतरे से बाहर हैं लेकिन अब जसरथ के समीप धारा नाले व थिरोट के पास डिमरु नाले में हिमखंड गिरने से 18 घंटे से चिनाब की धारा रुक गई है। कुरचेहड गांव की ग्रामीण सुनीता और शालग्रा निवासी अनिल ने बताया कि घाटी में डेढ़ फुट हिमपात हो चुका है। उन्होंने बताया कि नदी में पानी बहुत कम हो गया है।
नदी किनारे रहने वालों सहित पुलों और सड़कों को हो सकता है नुक्सान
उन्होंने आशंका जताई कि चिनाब का बहाव रुकने से नदी किनारे रहने वाले लोगों सहित पुलों और सड़कों को नुक्सान हो सकता है। लाहौल-स्पीति केलांग एस.डी.एम. अमर नेगी ने बताया कि घाटी में भारी बर्फबारी हो रही है। उन्होंने बताया कि कुछ एक स्थानों में चिनाब नदी का बहाव रुका है लेकिन कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं।