मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लाहौल में नहीं पहुंच रहे सैलानी

Edited By Ekta, Updated: 13 Mar, 2019 01:36 PM

lahaul snowfall

शीत मरुस्थल के नाम से विख्यात जिला लाहौल-स्पीति में भारतीय पर्यटकों की संख्या व रुचि साल दर साल बढ़ रही है लेकिन विदेशी सैलानियों की आमद में देशी पर्यटकों के अनुपात में वृद्धि नहीं हुई है। रोहतांग टनल के खुलने के बाद की पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए...

केलांग: शीत मरुस्थल के नाम से विख्यात जिला लाहौल-स्पीति में भारतीय पर्यटकों की संख्या व रुचि साल दर साल बढ़ रही है लेकिन विदेशी सैलानियों की आमद में देशी पर्यटकों के अनुपात में वृद्धि नहीं हुई है। रोहतांग टनल के खुलने के बाद की पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए सरकार व पर्यटन विभाग टूअर एंड ट्रैकिंग, साहसिक व शीतकालीन खेल आयोजक, स्कीइंग और पैराग्लाइडर संचालक सभी महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाने में जुट गए हैं। वर्तमान में यदि लाहौल-स्पीति को पर्यटन के नजरिए से देखा जाए तो यहां नैसर्गिक सौंदर्य के साथ-साथ अनेक ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के मठ, मंदिर, किला, झील, झरने व ग्लेशियर हैं। लाहौल व स्पीति एक ही जिले के 2 हिस्से हैं। भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से इन्हें प्रशासनिक दृष्टि से 2 भागों में बांटा गया है। लाहौल मंडल लद्दाख, कुल्लू और चम्बा की सरहदों से सटा है, जबकि स्पीति मंडल किन्नौर, रामपुर व तिब्बत-चीन की सीमाओं से मिलता है। 

वर्ष 2011 में सबसे ज्यादा पर्यटक लाहौल पहुंचे

पर्यटन विभाग शिमला के अनुसार गत 10 वर्षों के दौरान सबसे ज्यादा विदेशी सैलानी वर्ष 2011 में 73,040, 2009 में 65,101, 2010 में 59,125, 2012 में 47,413, 2008 में 41,398, 2016 में 15,278, 2017 में 14,275 तथा 2018 में 13,544 पर्यटकों ने लाहौल-स्पीति में दस्तक दी। दूसरी ओर वर्ष 2016 में 1,00,759, 2017 में 1,04,645 तथा वर्ष 2018 में 1,09,026 भारतीय पर्यटकों ने लाहौल-स्पीति का रुख किया।

यहां मकानों को होम स्टे में परिवर्तित करने की है अनुमति

एस.डी.एम. एवं जिला पर्यटन अधिकारी अमर नेगी ने बताया कि जनजातीय इलाकों में लोगों को अपने रिहायशी मकानों को होम स्टे में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों के यहां ठहरने की व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि पर्यटकों की आवभगत और बेहतर सेवा प्रदान की जा सके। अमर नेगी ने बताया कि वर्ष 1992 से पूर्व यह इलाका पर्यटकों के लिए वॢजत क्षेत्र था लेकिन अब सरकार द्वारा समूह में इनर लाइन परमिट दिए जाने की इजाजत के बाद पर्यटकों की आमद में यहां बहुत वृद्धि हुई है।


 

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