Edited By Kuldeep, Updated: 13 Jan, 2020 06:08 PM
जिल कुल्लू में विकास कार्य देरी से हो रहे हैं जिसका मुख्य कारण लेट लतीफ अफसरशाही है। यहां की अफसरशाही को कुल्लू के विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं है जिस कारण यहां की जनता परेशान हो रही है।
कुल्लू, (मनमिंदर): जिल कुल्लू में विकास कार्य देरी से हो रहे हैं जिसका मुख्य कारण लेट लतीफ अफसरशाही है। यहां की अफसरशाही को कुल्लू के विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं है जिस कारण यहां की जनता परेशान हो रही है। कुल्लू सदर के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि यहां जो भी अफसर आता है उसे कुल्लू के विकास की ओर कोई झुकाव नहीं होता है और वह यहां सिर्फ अपना समय निकालकर वापस चले जाते हैं। वहीं कुछ अफसर ऐसी योजनाओं को यहां चलाते हैं जिसका ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से कोई संबंध ही नहीं है। कुल्लू की अफसरशाही पर बरसते हुए विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि कुल्लू में कूड़ा निस्तारण के लिए भी एक योजना चलाई गई थी जो आज पूरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है। जबकि अफसरशाही को ऐसी योजनाओं को चलाने की वजह धरातल पर कार्य करना चाहिए ताकि कूड़े की समस्या से निपटा जा सके।
भांग के पौधों से आज कई प्रकार की दवाइयां बनाई जा रही हैं
वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार पर बरसते हुए कहा कि मणिकर्ण घाटी के खीरगंगा में रोप-वे निर्माण की बात को लेकर एक कंपनी इन्वैस्टर मीट में भी गई थी लेकिन वहां कंपनी को सहयोग करने की बजाय प्रदेश सरकार कुछ और ही राग अलापती नजर आई। जिस कारण खीरगंगा रोप-वे काविकास कार्य भी लटक गया है। सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस रोप-वे के सर्वे के लिए पूर्व की सरकार ने भी विभाग को निर्देश जारी किए थे लेकिन अभी तक इस बारे कोई भी कार्य नहीं हो पाया है। वहीं विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ने सत्ता में आते ही कहा था कि वे भांग को कानूनी तौर से वैध करने के लिए जल्द पॉलिसी लेकर आएंगे। लेकिन इस पर भी अभी तक सरकार कोई कदम नहीं उठा पाई है। जबकि हिमाचल के साथ लगते राज्यों ने इस बारे में पॉलिसी भी तैयार कर ली है। उनका कहना है कि भांग के पौधों से आज कई प्रकार की दवाइयां बनाई जा रही हैं और वस्त्र उद्योग मदद हो रही है। लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।