चरस तस्कर को मिला 10 वर्ष का कठोर कारावास

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Sep, 2019 07:39 PM

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विशेष न्यायाधीश-2 कुल्लू नितिन कुमार ने नेपाली टेक उर्फ टेक बहादुर को चरस तस्करी के मामले में दोषी करार देते हुए उसके विरुद्ध 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा का फैसला सुनाया है।

कुल्लू, (शम्भू प्रकाश): विशेष न्यायाधीश-2 कुल्लू नितिन कुमार ने नेपाली टेक उर्फ टेक बहादुर को चरस तस्करी के मामले में दोषी करार देते हुए उसके विरुद्ध 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। दोषी को एक लाख रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश हुए हैं। जुर्माना राशि की अदायगी न हो पाने की सूरत में दोषी को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज धीमान ने बताया कि सब इंस्पैक्टर टेक सिंह ने मलाणा रोड पर बुरजी मोड़ के पास 18 फरवरी, 2017 को नाकाबंदी की हुई थी। पुलिस की टीम भी उनके साथ थी। पुलिस की यह टीम एक टैक्सी में नाकाबंदी के लिए वहां गई हुई थी। सुबह के 5 बजे मलाणा की तरफ से एक व्यक्ति पैदल आता हुआ पुलिस टीम को नजर आया। जब वह पुलिस के नजदीक पहुंचा तो पुलिस टीम ने टॉर्च जलाकर उससे पूछा कि वह कहां जा रहा है। टॉर्च की रोशनी चेहरे पर पड़ते ही वह शख्स पीछे की ओर मुड़ा और भागने लगा। इस दौरान उसने अपना पिट्ठू बैग सड़क के किनारे फैंक दिया।

दोषी के विरुद्ध गवाही देने के लिए 13 गवाह पेश हुए

पुलिस टीम ने कुछ ही देर में उसे पकड़ लिया और नाम-पता आदि पूछा। उस शख्स द्वारा सड़क किनारे फैंके गए पिट्ठू बैग को खोलकर पुलिस ने जब देखा तो उसमें काले रंग की बत्तीनुमा व चपाती नुमा वस्तु बरामद हुई, जोकि चरस पाई गई। उसी समय पुलिस टीम उसे गिरफ्तार कर थाना लेकर आई। चरस की यह खेप तोलने पर 2.510 किलोग्राम पाई गई थी। न्यायालय ने चरस तस्करी के इस मामले में दोषी टेक बहादुर के विरुद्ध उक्त सजा सुनाई है। न्यायालय में चरस तस्करी के इस मामले में दोषी के विरुद्ध गवाही देने के लिए 13 गवाह पेश हुए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने दोषी के विरुद्ध 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

नशे के सौदागरों के विरुद्ध नरमी समाज के लिए ठीक संदेश नहीं

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दोषी की 44 साल उम्र का हवाला देते हुए कहा कि दोषी की उम्र अधिक है और उसकी सजा को कुछ कम किया जाए। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि नशे के सौदागरों के विरुद्ध नरमी नहीं बरती जा सकती है। यदि दोषी की सजा को कम किया गया तो यह समाज के लिए ठीक संदेश नहीं होगा। नशा कई घरों को उजाड़ देता है और कई घरों के चिराग बुझा देता है। इसलिए नशे के तस्करों के प्रति सख्ती जरूरी है।

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