कुल्लू बस हादसा : मंडी-कुल्लू के 20 गांवों में पसरा मातम

Edited By Vijay, Updated: 20 Jun, 2019 09:45 PM

kullu bus accident

कुल्लू जिला के बंजार के भयोट मोड़ पर हुए निजी बस हादसे ने 2 जिलों की जनता को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के बाद बंजार सराज के टील, बाहु, जिभी, घ्यागी, खाबल, मोहणी, पेड़चा, डिम्बरचाहड़ी, पाटन और मंडी सराज के खौली, थाचाधार, खनार व घाट पंचायतों के...

मंडी: कुल्लू जिला के बंजार के भयोट मोड़ पर हुए निजी बस हादसे ने 2 जिलों की जनता को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के बाद बंजार सराज के टील, बाहु, जिभी, घ्यागी, खाबल, मोहणी, पेड़चा, डिम्बरचाहड़ी, पाटन और मंडी सराज के खौली, थाचाधार, खनार व घाट पंचायतों के दर्जनों गांवों में मातम पसर गया है। बताया गया कि इस बस में 4 बजे बंजार बस स्टैंड से कॉलेज के छात्र और हिम केयर स्वास्थ्य कार्ड बनवाने आए गाड़ागुशैणी के कई परिवार सवार थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र के खौली तक शाम 5 बजे पहुंचने वाली इस बस में बंजार से ही 50 से अधिक यात्री बैठ गए थे और आगे 3 कि.मी. दूर भयोट मोड़ के पास बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरी तो आसपास के लोग ऊंचाई देख सन्न रह गए।

किसी को पत्नी की तो किसी को बेटी की मिली लाश

लोगों को फोन के माध्यम से जब बस हादसे की सूचना मिली तो सैंकड़ों युवा और पुरुष घायलों को उठाने के लिए दौड़ पड़े लेकिन बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य तेजी नहीं पकड़ सका। बस गिरने की सूचना मिलते ही गाड़ागुशैणी इलाके से लोग टैक्सी करके मौके पर पहुंचे और अपने परिचितों को तलाशने में जुटे लेकिन किसी को अपनी पत्नी की लाश मिली तो किसी को बेटी की। यह मंजर देख राहत कार्य में लगे युवाओं की हिम्मत भी जवाब दे गई और लाशों को उठाने की बजाय चीखते-चिल्लाते महिलाओं और बच्चों को संभालने में लगे रहे। इधर, खौली जैसे दुर्गम क्षेत्र में जब देर सायं इसकी सूचना मिली तो पूरा गांव सिसकियों से कराह उठा। टी.वी. पर चली खबरों से ही लोग सिहर उठे और सोशल मीडिया में फैली घायलों व लाशों की फोटो पहचान में लगे रहे।

हादसे के बाद शोक में डूबे 20 गांवों के सैंकड़ों परिवार    

बस हादसे के बाद जैसे ही मृतकों की सूची प्रशासन ने जारी की तो कुल 20 गांवों के सैंकड़ों परिवार शोक में डूब गए। गांव भूमियां, छुनार, पेड़चा, छनास, थनवाड़ी, गड़शाऊं, चौहड़ी, खंड़ा, खौली, मोहणी, बाहु, बछूट, सरकीधार, सूम व गाड़ागुशैणी के करीब 20 लोगों के शवों की देर शाम तक पहचान हो सकी लेकिन गंभीर रूप से कई घायलों के रैफर करने से कई परिवार अपने रिश्तेदारों को तलाशने के लिए कभी कुल्लू तो कभी मंडी और बंजार भागते रहे। इन गांवों में वीरवार शाम चूल्हा नहीं जला और सैंकड़ों लोग अपने परिचितों की तलाश में इधर से उधर भागते नजर आए। कई लोगों को अस्पताल पहुंचने के लिए वाहन तक नहीं मिले, जिससे वे पैदल ही अस्पताल को घरों से निकले क्योंकि यह अंतिम बस सेवा होने के चलते लोग इसका ही इंतजार करते थे।    

हर रोज खचाखच भर कर जाती है बस

हैरानी इस बात की भी है कि यह बस उपमंडल मुख्यालय से हर रोज यात्रियों से खचाखच भर कर जाती है लेकिन आज तक न तो एस.डी.एम. ने कभी इसे रोका और न पुलिस ने कोई चालान काटा। आर.टी.ओ. तो यहां कभी आता ही नहीं है और इस बस से लोग हर बार छत पर भी सफर करते अक्सर देखे गए हैं क्योंकि बस परिचालक रैगुलर यात्रियों से कम किराया वसूलता है, जिससे इसमें कॉलेज के युवक व युवतियां ज्यादा होते हैं जबकि इसके बाद एक सरकारी बस भी जाती है लेकिन उसके देरी से चलने की वजह से लोगों को अपने घरों तक पहुंचते-पहुंचते शाम हो जाती है। लिहाजा युवतियां अक्सर इसी बस से जाती हैं। हैरानी इस बात की भी है कि लोग यहां गर्मियों के दिनों में इस बस की छत पर यात्रा करना उचित समझते हैं क्योंकि अंदर बस में यात्रियों की संख्या ज्यादा होने से सीट नहीं मिलती। बंजार से करीब 40 कि.मी. दूर खौली तक पहुंचने में इस बस को 3 से 4 घंटे लगते हैं।

इसी माह हुए हैं बड़े हादसे  

कुल्लू-मंडी की सीमा में इसी माह बड़े से बड़े हादसे हुए हैं, जिनमें 2013 का झीड़ी बस हादसा भी है जिसमें 47 लोग बस गिरने से मारे गए थे। इसी माह कई टैक्सियां भी यहां गिरी हैं, जिनमें दर्जनों लोग मारे गए हैं।

बस में रैगुलर नहीं होता कोई चालक

लोगों का कहना है कि इस प्राइवेट बस में कोई रैगुलर चालक कभी नहीं देखा। कभी जीप चालक उसे चलाता है तो कभी टिप्पर चालक उसे चलाते हुए देखा गया है। बस में यात्रियों की संख्या ज्यादा होने का कारण बस में कम किराया वसूलना भी है, जिससे लोग इसमें ही सफर करते दिखाई देते हैं।

एक दैनिक अखबार का पत्रकार खुद बन चुका था खबर

बताया गया कि बस में एक दैनिक अखबार का पत्रकार मोहन लाल परिवार सहित था, जिससे उसकी और छोटी बेटी की मौत हो गई जबकि बड़ी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। इलाके के लोग उसी पत्रकार को हादसे के लिए फोन करते रहे लेकिन पत्रकार खुद खबर बन चुका था। वह एक प्राइवेट स्कूल में प्रधानाचार्य था और पिछले 20 वर्षों से स्वतंत्र लेखन कार्य से जुड़ा हुआ था। जिला मुख्यालय के पत्रकार उसे ही फोन कर पूछना चाह रहे थे कि आपके गांव के पास बस गिरी है तो सही सूचना क्या है लेकिन पत्रकार का फोन किसी ने नहीं उठाया। जब पत्रकारों की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि उसकी लाश सामने पड़ी हुई है।  

सी.एम. ने वीडियो कॉल कर राहत एवं बचाव कार्य देखा और निर्देश दिए

बस हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गांव के लोगों को स्वयं फोन कर हालात पूछा और मौके पर राहत एवं बचाव कार्य करने के लिए लोगों को भेजा। पत्रकारों से भी मुख्यमंत्री ने दुर्घटना की पूरी जानकारी ली और वीडियो कॉल कर राहत एवं बचाव कार्य देखा और निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को भी व्यक्तिगत रूप से फोन कर अतिरिक्त एम्बुलैंस भेजने और घायलों को मंडी और कुल्लू रैफर करने को कहा।

बस दुर्घटना पर सांसद ने जताया शोक

बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति सांसद रामस्वरूप शर्मा ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों की आत्मिक शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की है तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से शोक संतप्त परिवारों को पूरी मदद दी जाएगी तथा घायलों को भी उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करवाई जाएंगी।

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