Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Aug, 2017 05:10 PM
कोटरोपी गांव में हुए भीषण भूस्खलन के बाद खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। कभी पहाड़ी पर दरार आ रही है तो कभी नाले का पानी रूककर छोटे-छोटे जलाशय बना रहा है।
मंडी (नीरज): कोटरोपी गांव में हुए भीषण भूस्खलन के बाद खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। कभी पहाड़ी पर दरार आ रही है तो कभी नाले का पानी रूककर छोटे-छोटे जलाशय बना रहा है। कभी पानी का रिसाव हो रहा है तो कभी भूस्खलन वाले स्थान से फिर से मलबा गिर रहा है। प्रशासन ने पहले ही यहां आसपास के पांच गांवों में अलर्ट जारी कर रखा है। अब कुछ गांवों पर एक और खतरा मंडराने लग गया है। यह खतरा है गिरे हुए मलबे के आगे खिसकने का। पहाड़ी से भारी मात्रा में जो मलबा गिरा हुआ है उस मलबे में पानी का रिसाव हो रहा है। इस कारण मलबा ढीला होकर अपनी पकड़ खो रहा है और आगे खिसकने लग गया है। जहां पर आबादी नहीं वहां पर तो इससे कोई खतरा नहीं लेकिन जहां पर आबादी है वहां पर मलबा खिसकने के कारण खतरा बढ़ रहा है।
भड़वाहण गांव मलबे की चपेट में
खासतौर पर भड़वाहण गांव इसकी अधिक चपेट में है। गांव के साथ लगती पहाड़ी पर भारी मलबा पड़ा हुआ है और अगर यह मलबा खिसका तो नीचे गांव पर तबाही मचा सकता है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंजीनियरों को यहां भेज दिया है और खिसक रहे मलबे की रोकथाम के उपाय तलाशने को कहा है। अभी इंजीनियर मलबे की रोकथाम के लिए दो तरह से कार्य करने की सोच रहे हैं। एक मलबे को अच्छे से दबाकर इसे ठोस बनाने पर विचार किया जा रहा है और दूसरा सुरक्षा दीवार लगाने की सोची जा रही है। हालांकि अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।
कोटरोपी हादसे में मारे गए 46 लोगों में से 45 की हुई शिनाख्त
डीसी मंडी संदीप कदम ने बताया कि इंजीनियरों को मौके पर भेज दिया गया है और रोकथाम की दिशा में प्रयास जारी हैं। वहीं इस हादसे में मारे गए 46 लोगों में से 45 की ही शिनाख्त हो पाई है। एक महिला के शव की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है और इस शव को जोनल हास्पिटल मंडी के शवगृह में रखा गया है। यूपी की एक महिला का सिर्फ पांव ही बरामद हुआ है जबकि उसके बाकी शरीर की तलाश जारी है। इसके साथ ही प्रेम सिंह नामक व्यक्ति का शव भी अभी तक नहीं मिला है और उसके लिए भी सर्च आपरेशन जारी रखा गया है।