जानिए क्यों प्रशासन ने डेढ़ माह बाद कब्र खोदकर निकाला शव

Edited By Vijay, Updated: 17 Oct, 2018 04:35 PM

know why the administration has digged grave after a month and a half

इलाज में कथित लापरवाही के कारण हुई मौत के मामले के तहत प्रशासन द्वारा गठित कमेटी की देखरेख में शव को कब्र खोद कर निकाला गया है। मौत के सही कारणों को जुटाने हेतु बुधवार सुबह प्रशासन द्वारा गठित कमेटी में तहसीलदार अम्ब मनोज ठाकुर की अगुवाई में थाना...

अम्ब (अश्विनी): इलाज में कथित लापरवाही के कारण हुई मौत के मामले के तहत प्रशासन द्वारा गठित कमेटी की देखरेख में शव को कब्र खोद कर निकाला गया है। मौत के सही कारणों को जुटाने हेतु बुधवार सुबह प्रशासन द्वारा गठित कमेटी में तहसीलदार अम्ब मनोज ठाकुर की अगुवाई में थाना प्रभारी अम्ब दर्शन सिंह, अन्वेषण अधिकारी एवं ए.एस.आई. सरूप जरियाल व अन्य पुलिस कर्मचारियों पर आधारित टीम ने शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए टांडा मैडीकल कालेज भेज दिया है।

30 सितम्बर को हुई थी मौत
बता दें कि बीते 30 सितम्बर को इलाज में कथित लापरवाही बरतने के चलते हुई मौत के आरोप में अम्ब पुलिस ने उपमंडल अम्ब क्षेत्र में क्लीनिक चलाने वाले एक दंत चिकित्सक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया था। इस मामले में नसीबदीन पुत्र ईद मोहम्मद निवासी नैहरी नौरंगा ने शिकायत में कहा था कि उसका बेटा शकीन मोहम्मद (31) पेशे से ट्रक ड्राइवर था और अपनी गाड़ी चलाता था। गत एक अगस्त को जब वह ट्रक यूनियन से स्कूटी पर घर की तरफ आ रहा था तो घर के नजदीक रास्ते में अचानक नील गाय आ जाने के कारण सड़क हादसे का शिकार हो गया।

30 दिन तक तारों से बांधा रखा जबड़ा
हादसे में उसके जबड़े में गंभीर चोटें आईं थीं, जिसका उपचार उन्होंने निजी डैंटल क्लीनिक में शुरू करवा दिया। उसने आरोप लगाया कि डाक्टर ने सर्जरी करके जबड़ा तारों से बांध दिया। करीब 30 दिन तक जबड़ा बंधे रहने के चलते बेटे को खाने-पीने में कठिनाई रही। उनके बार-बार बोलने के बावजूद न तो डाक्टर ने उसे कहीं आगे भेजा और न ही उसका जबड़ा खोला। करीब एक माह बाद उन्होंने जबरदस्ती डाक्टर ने साथ झगड़ा करके मुंह खुलवाया। बेटे की हालत गंभीर देखते हुए वह उसे होशियारपुर के एक अस्पताल ले गए लेकिन वहां डाक्टर ने केस लेने से मना कर दिया। इस पर 5 सितम्बर सायं को वह बेटे को लेकर पी.जी.आई. गए लेकिन अगली सुबह बेटे ने जख्मों की ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया।

चंद पैसों की खातिर जिंदगी से किया खिलवाड़
मृतक के पिता का आरोप है कि यदि डाक्टर समय रहते केस को आगे रैफर कर देता तो उसके बेटे की जिन्दगी बच सकती थी लेकिन चंद पैसों की खातिर उसने जिंदगी से खिलवाड़ किया है और उन्हें अंधेरे में रखा। इस मामले में प्रशासन ने मृतक के परिजनों की रजामंदी पर मौत के कारणों की जांच हेतु करीब डेढ़ माह बाद शव को कब्र से निकाला है। अब देखना यह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के परिजनों द्वारा दंत चिकित्सक पर लगाए गए आरोप कितने सच साबित होते हैं।

क्या कहते हैं डी.एस.पी. अम्ब
डी.एस.पी. अम्ब मनोज जम्वाल का कहना है कि पुलिस थाना अम्ब में आई.पी.सी. की धारा 336 व 304ए के तहत दंत चिकित्सक के खिलाफ दर्ज हुए मामले में पुलिस ने प्रशासन द्वारा गठित टीम की निगरानी में शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए टांडा मैडीकल कालेज भेज दिया है।

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