Edited By Ekta, Updated: 09 Jul, 2019 11:44 AM
कांगड़ा सहकारी बैंक में 2011 में भर्ती हुए 264 कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड की तर्ज पर वेतन वृद्धि के लिए और इंतजार करना होगा। सूत्रों के अनुसार बैंक प्रबंधन द्वारा सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार को भेजे गए बी.ओ.डी. के निर्णयों की...
धर्मशाला (नरेश): कांगड़ा सहकारी बैंक में 2011 में भर्ती हुए 264 कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड की तर्ज पर वेतन वृद्धि के लिए और इंतजार करना होगा। सूत्रों के अनुसार बैंक प्रबंधन द्वारा सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार को भेजे गए बी.ओ.डी. के निर्णयों की फाइल पर कुछ आपत्तियां लगने के चलते करीब आधा दर्जन निर्णयों को बैंक प्रबंधन अभी तक अमलीजामा नहीं पहना सका है। बैंक प्रबंधन ने सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार द्वारा लगाई गई आपत्तियों को दूर करने के लिए अपना होमवर्क पूरा करके उक्त निर्णयों की फाइल पुन: निदेशालय भेज दी है।
सोमवार को बैंक में हुई बी.ओ.डी. की मासिक बैठक में इसके बैंक के रोजमर्रा के मामलों को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद बैंक के अध्यक्ष डा. राजीव भारद्वाज ने अनौपचारिक वार्ता में कहा कि पिछले 3 माह के एन.पी.ए. को 100 करोड़ रुपए कम किया जा चुका है। एन.पी.ए. को बढऩे से रोकने के साथ ही बाकी बचे एन.पी.ए. को कम करने के लिए भी हरसंभव कदम उठाने को लेकर बी.ओ.डी. की बैठक में रणनीति तैयार की गई है।
घाटे वाली शाखाओं पर लिया यू-टर्न
के.सी.सी. बैंक की घाटे में चल रही शाखाओं को बंद करने के संभावित फैसले पर यू-टर्न लेते हुए बैंक चेयरमैन ने कहा कि फिलहाल घाटे में चल रही शाखाओं को मर्ज करने की दिशा में सोचा जा रहा है। पूर्व में इन शाखाओं को राजनीतिक श्रेय लेने के लिए खोल दिया गया था। अब इन शाखाओं को बढ़ता हुआ घाटा सहन नहीं किया जाएगा और प्रबंधन ऐसी शाखाओं को घाटे से उबारने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।