भ्रष्टाचार को लेकर कौल सिंह ने घेरी सरकार, बाेले-नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें CM जयराम

Edited By Vijay, Updated: 07 Jun, 2020 08:15 PM

kaul singh thakur target on cm jairam thakur

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की प्रदेश हाईकोर्ट की देखरेख में सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर...

मंडी (ब्यूरो): पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की प्रदेश हाईकोर्ट की देखरेख में सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया है उसी तरह से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

प्रदेश में सरकार की लापरवाही से बढ़ा कोरोना के मामलों का आंकड़ा

उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी पर काबू पा लिया गया था मगर सरकार की लापरवाही व विफलता की वजह से प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव मामलों में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों का प्रदेश की सीमा पर ठीक ढंग से चैकअप नहीं किया गया और न ही ऐसे लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया।

50 रुपए के सैनिटाइजर  की 150 रुपए में हुई खरीद

उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार पनप रहा है और पैसा कमाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर की बाजार में कीमत 50 रुपए है जबकि इसकी खरीद 150 रुपए में की गई। सैनिटाइजर की खरीद में लाखों का घोटाला हुआ है, जिसके लिए एक अधीक्षक को निलंबित करने मात्र से कार्रवाई नहीं हो जाती है।

सरकार की वजह से पूर्व स्वास्थ्य निदेशक को मिली जमानत

इसके अलावा पीपीई किट का घोटाला सामने आया है जिसमें पीपीई किट की जगह रेनकोट बांटे गए। हैरानी की बात है कि एक ऑडियो में स्पष्ट है कि 45 लाख रुपए की पेमैंट के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। कोर्ट में सरकार पूर्व स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं रख पाई, जिसकी वजह से उनको जमानत मिल गई जिससे केस ही अब ढीला पड़ गया है।

मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे अधिकारी

पोर्टेबल वैंटीलेटर की खरीद के लिए स्वास्थ्य निदेशक ने सभी सीएमओ को चिट्ठी लिखी थी, वहीं मुख्यमंत्री ने कह दिया कि पोर्टेबल वैंटीलेटर तो डम्मी है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को अधिकारी सही जानकारी न देकर गुमराह कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में रिटायरमैंट पर बैठे अधिकारी घोटालों में संलिप्त हो रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि दवाओं की खरीद में भी घोटाला हुआ है।

मंत्री और मुख्यमंत्री बताएं, क्यों नहीं की कार्रवाई

उन्होंने कहा कि धर्मपुर में सैनिटाइजर की बोतलों पर मंत्री, उनकी बेटी और मुख्यमंत्री के फोटो चिपका कर बांटे गए जबकि यह सैनिटाइजर कहां बने यह भी तो मंत्री बताएं। इस मामले में मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया जबकि वहां के जिला परिषद सदस्य व कांग्रेस पार्टी ने इस बारे मामला उठाया भी है। उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में थे तो भाजपा ने चार्जशीट को लेकर बड़ा हो-हल्ला मचाया लेकिन अब मंत्री और मुख्यमंत्री बताएं कि क्यों कार्रवाई नहीं कर सके।

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