Edited By Ekta, Updated: 22 May, 2018 08:56 AM
कसौली में सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला की मौत के बाद राज्य सरकार अवैध निर्माण को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने टी.सी.पी. विभाग को निर्देश दिए हैं कि जो भी अधिकारी मकान का नक्शा पास करेगा, भविष्य में डेविएशन न करने देने की जिम्मेदारी भी उसी की...
शिमला: कसौली में सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला की मौत के बाद राज्य सरकार अवैध निर्माण को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने टी.सी.पी. विभाग को निर्देश दिए हैं कि जो भी अधिकारी मकान का नक्शा पास करेगा, भविष्य में डेविएशन न करने देने की जिम्मेदारी भी उसी की रहेगी। ज्यादातर लोग मकान बनाने को टी.सी.पी., स्थानीय शहरी निकाय या फिर साडा से कंप्लीशन सर्टीफिकेट लेने के बाद अपनी सहूलियत के हिसाब से मकान में डेविएशन कर लेते हैं। कुछ लोग पार्किंग फ्लोर हटाकर उसे दुकानों व रिहायश में तबदील करते हैं तो कुछ एटिक को तोड़कर पूरी मंजिल बना लेते हैं। इसी तरह बहुत से लोग सैटबैक पर भी कंप्लीशन सर्टीफिकेट मिलने के बाद निर्माण कर लेते हैं जबकि ऐसा करना अवैध है।
भविष्य में यदि कोई ऐसा करता है तो उस मकान का नक्शा पास करने वाले अधिकारी सहित भवन मालिक पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि टी.सी.पी. एक्ट में पहले से ही अवैध निर्माण शुरू होते ही इसे रोकने का प्रावधान है लेकिन प्रदेश में खासकर विधानसभा, लोकसभा और नगर निकाय चुनाव के दौरान सरेआम टी.सी.पी. एक्ट को ठेंगा दिखा कर अवैध निर्माण होता रहा है। विभागीय अधिकारी मूकदर्शन बने रहते हैं। यही वजह है कि आज हजारों मकान नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। कसौली में अवैध निर्माण हटाने गई महिला अधिकारी और पी.डब्ल्यू.डी. के एक बेलदार की मौत के बाद सरकार सचेत हो गई है। इसे लेकर नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी ने सचिव टी.सी.पी. और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्त हिदायतें दे दी हैं।
अवैध भवन को रैगुलर करने के लिए करना होगा आवेदन
सरकार ने नियमों की अनदेखी करके बनाए गए भवनों को रैगुलर करने के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत उन लोगों के अवैध मकान रैगुलर किए जाने हैं जिन्होंने पूर्व में नक्शे तो पास करवाए हैं लेकिन निर्माण उससे ज्यादा करवा लिया है। ऐसे लोगों को अब नक्शे से हटकर किया गया निर्माण तोड़ना होगा या फिर उस क्षेत्र को एक साल के भीतर सील करना होगा। इसके बाद टी.सी.पी. और स्थानीय शहरी निकाय उस मकान का कंप्लीशन सर्टीफिकेट देंगे। तब जाकर ऐसे अवैध मकान रैगुलर हो पाएंगे।
बता दें कि 10 से 20 फीसदी तक की डेविएशन करने वाले मकानों की बिजली व पानी पर भी एन.जी.टी. और हाईकोर्ट के आदेशों के कारण तलवार लटक गई थी। ऐसे लोगों को राहत देने के मकसद से जयराम मंत्रिमंडल ने टी.सी.पी. नियमों में संशोधन किया है। अब लोगों को डेविएट किए गए एरिया को सील करकेमकान रैगुलर करने के लिए संबंधित विभाग व नगर निकाय के पास आवेदन करना है। नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी ने डेविएशन करने वाले सभी लोगों से अवैध मकान को रैगुलर करने के लिए विभाग के पास आवेदन करने को कहा है ताकि उनके अवैध मकान को रैगुलर किया जा सके।