Edited By Vijay, Updated: 26 Jul, 2018 06:52 PM
भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल सैक्टर में 19 वर्ष पूर्व लड़े गए युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से मात दी थी। 14 मई, 1999 को यह युद्ध शुरू हुआ व पाकिस्तानी फौज व आतंकवादियों को कारगिल से खदेडऩे के बाद 26 जुलाई, 1999 को यह युद्ध...
बिलासपुर (मुकेश): भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल सैक्टर में 19 वर्ष पूर्व लड़े गए युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से मात दी थी। 14 मई, 1999 को यह युद्ध शुरू हुआ व पाकिस्तानी फौज व आतंकवादियों को कारगिल से खदेडऩे के बाद 26 जुलाई, 1999 को यह युद्ध समाप्त हुआ था। बिलासपुर के परिधिगृह में वीरवार को राज्य स्तर पर कारगिल विजय दिवस की 19वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। पूर्व सैनिक कल्याण समिति के सहयोग से आयोजित इस ‘अमर जवान ज्योति’ सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
मूसलाधार बारिश के बीच शहीदों को दी श्रद्धांजलि
बिलासपुर में हो रही मूसलाधार बारिश के बीच उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए 52 शहीदों सहित अब तक विभिन्न युद्धों में शहीद हो चुके प्रदेश के 1100 रणबांकुरों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारतीय सेना की 9-डोगरा रैजीमैंट की 14 जवानों की टुकड़ी जे.सी.ओ. सूबेदार सुभाष चंद के नेतृत्व में बिलासपुर पहुंची थी। इस टुकड़ी ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया, वहीं डोगरा रैजीमैंट ने शहीदों को सलामी भी दी।
कारगिल ऑप्रेशन के दौरान प्रदेश के 52 सपूत हुए शहीद
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि कारगिल आप्रेशन के दौरान प्रदेश के 52 रणबांकुरों सहित देश के 527 वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने बताया कि शत्रु सेना ने 4 जाट रैजीमैंट के लैफ्टिनैंट सौरभ कालिया का शव 9 जून को शव क्षत-विक्षत हालत में वापस किया था। उन्होंने कहा कि कैप्टन विक्रम बतरा की ‘यह दिल मांगे मोर’ की पुकार आज भी मश्कोह घाटी में प्रतिध्वनित हो रही है। शत्रु खेमे में शेरशाह के नाम से प्रसिद्ध इस जांबाज ने कई चोटियों को फतह करने के बाद प्वाइंट 4875 पर कब्जा करते समय अपने प्राणों की आहुति दी थी। कैप्टन विक्रम बतरा ने अपनी माता जी को फोन पर यह जवाब दिया था कि या तो टाइगर हिल पर कब्जा करूंगा या फिर तिरंगे में लिपटा घर आऊंगा।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर विशिष्टातिथि के रूप में वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद ठाकुर, सदर विधायक सुभाष ठाकुर, घुमारवीं विधायक राजेंद्र गर्ग, झंडूता विधायक जीत राम कटवाल, पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, बिटिया फाऊंडेशन की प्रदेशाध्यक्षा सीमा सांख्यान, कैप्टन सुरेंद्र, डी.सी. विवेक भाटिया, एस.पी. अशोक कुमार, परमार्थम संस्था के अध्यक्ष शैलेंद्र भड़ोल, कैप्टन हंसराज, वीर चक्र विजेता रूप सिंह, सेना मैडल विजेता कैप्टन जोगिंद्र पाल, कैप्टन जोगिंद्र सेन, संजय चौधरी, नरेंद्र व भाम सिंह सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक व अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।