Edited By Kuldeep, Updated: 16 Jul, 2018 09:30 PM
निकटवर्ती गांव चंदरोट की युवती जोकि डी.ए.वी. कालेज की बी.एससी. फाइनल में पढ़ती थी, की मौत सर्पदंश से टांडा अस्पताल में हो गई।
कांगड़ा: निकटवर्ती गांव चंदरोट की युवती जोकि डी.ए.वी. कालेज की बी.एससी. फाइनल में पढ़ती थी, की मौत सर्पदंश से टांडा अस्पताल में हो गई। मृतक लड़की के पिता मस्त राम तथा मासड़ प्यारे लाल ने डाक्टरों द्वारा बच्ची का सही तथा समय पर इलाज न करने का आरोप लगाया है, वहीं लड़की के परिजनों सहित अन्य लोगों ने टांडा प्रशासन के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाए।
समय पर डाक्टर न मिलने से हुई मौत
उनका कहना है कि रविवार शाम को करीब 6 बजे उसके घर के बाहर जहरीले सांप ने काट लिया तथा उसी समय तुरंत वह बच्ची को टांडा ले गए, किंतु आपातकालीन विभाग में कोई भी वरिष्ठ डाक्टर के न होने के कारण उसका समय पर इलाज नहीं हुआ जिस कारण देखते ही देखते उनकी बेटी की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जब बच्ची की स्थिति गंभीर हुई तो उस समय सभी डाक्टर आ गए किंतु उस समय बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि यदि मैडीकल कालेज के वरिष्ठ डाक्टरों ने समय रहते इसका इलाज कर दिया होता तो शायद उनकी बच्ची की मौत नहीं होती।
परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से किया इंकार
इस बारे में नगरोटा बगवां के विधायक अरुण मेहरा ने कहा कि उनको जब रात्रि सर्पदंश का पता चला तो तुरंत टांडा में प्राचार्य व मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को फोन किया। उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रकार की कोई लापरवाही हुई है तो इस मामले की जांच होगी। मैडीकल अधीक्षक डा. गुरुदर्शन गुप्ता ने कहा कि उनके पास शिकायत आई है। इसकी गहनता से जांच होगी। हालात को नियंत्रण में करने के लिए कांगड़ा से पुलिस दल आ गया। परिजनों ने किसी भी प्रकार का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया है।