Edited By kirti, Updated: 10 Jan, 2020 05:10 PM
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा कि जेएनयू की प्रतिष्ठा को कांग्रेस व वामपंथी अपनी राजनीति का अखाड़ा बना रहे हैं। उन्हें एनआरसी व सीसीए से दिक्कत है तो अपनी पार्टी के संगठन के साथ जंतर मंतर व दूसरी जगहों का उपयोग कर सकते हैं पर नहीं कर रहे हैं,...
सुंदरनगर (नितेश सैनी) : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा कि जेएनयू की प्रतिष्ठा को कांग्रेस व वामपंथी अपनी राजनीति का अखाड़ा बना रहे हैं। उन्हें एनआरसी व सीसीए से दिक्कत है तो अपनी पार्टी के संगठन के साथ जंतर मंतर व दूसरी जगहों का उपयोग कर सकते हैं पर नहीं कर रहे हैं, राणा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस का मतलब यह हुआ कि इन्हें अपनी पार्टी के भीतर भी समर्थन नहीं है। लोकतंत्र का यही तकाजा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जनमानस में सरकार के विरुद्ध मुहिम पैदा करे। उन्होंने कहा कि बच्चों को बरगलाना तो धूर्तता है।
यही काम वामपंथी व काग्रेसी कर रहे हैं। राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वामपंथी कभी बड़ा दबदबा रखते थे। इन के लोग चौड़ान मैदान मर्डर केस, नासीर खान व कुलदीप डटवालिया जैसे केसों में अंदर रहे। आंतरिक रूप से हिंसक व बाहर से प्रगतिशील दिखना इन का बहरूपियापन है। इसी डबल कैरेक्टर के कारण ये दुनिया के हर कोने से खदेड़े गए। उन्होंने कहा कि ये लोग समाज में जो भी काम करते है वह सब टीआरपी के लिS ही करते हैं तभी तो ये स्वतंत्रता पश्चात भारत में बढ़ नहीं पाये। उन्होंने कहा कि बंगाल से भी खदेड़े गये। इन्होंने अपनी इस मूर्खता पर मनन चिंतन भी कभी नहीं किया।
मूलतः कार्लमार्कस के मूल चिंतन में ही दोष है।यह चिन्तन केवल आर्थिकी आधारित है। जब कि सच्चाई यह है कि आर्थिकी से परे भी मनुष्य की कुछ जरूरत है,उस पर मार्कस ने चिंतन नहीं किया और ये लकीर के फकीर उसी पर डटे हुये हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को मोहरा बना कर कोई राजनीति नहीं करता। यह सब टीआरपी के लिये ही हो रहा है। जिस हीरो-हिरोइन की फिल्म नहीं चल रही है वह भी जेएनयू के चक्कर काट रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश के बुद्धि जीवी समाज के समक्ष यह यक्ष पहेली है, इस का समाधान उसे ही करना है।