Edited By Ekta, Updated: 30 Aug, 2019 11:20 AM
होटल का नक्शा पास करने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप में जूनियर इंजीनियर के रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले से नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। साथ ही नगर निगम की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। मामला सामने आने के बाद हो रही बदनामी...
धर्मशाला (सौरभ सूद): होटल का नक्शा पास करने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप में जूनियर इंजीनियर के रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले से नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। साथ ही नगर निगम की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। मामला सामने आने के बाद हो रही बदनामी को देखते हुए निगम प्रशासन अब सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। इसके तहत वर्षों से पैंडिंग चल रहे मामलों का रिव्यू कर इनके निपटारे के लिए समय सीमा तय की जाएगी। विजीलैंस की रिपोर्ट मिलने के बाद निगम प्रशासन आरोपी जे.ई. के खिलाफ एक्शन लेगा। सूत्र बताते हैं कि नगर निगम के अधिकारी होटलों सहित विभिन्न व्यावसायिक भवनों के नक्शों की सैकड़ों फाइलें लंबे अरसे से दबाए बैठे थे।
इस कारण बीते करीब डेढ़ साल से नक्शे पास करने के 350 से अधिक मामले लंबित हैं। लोग बार-बार नगर निगम कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके थे लेकिन उनकी फाइल आगे नहीं सरक रही थी। आरोप यह भी है कि निगम के विभिन्न विभागों में लटकी फाइलों में दर्ज आपत्तियों के बारे में लोगों को कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही थी ताकि समय रहते इन आपत्तियों को सुधारा जा सके। सूत्र बताते हैं कि 2016 से पैंडिंग चल रहे कई मामलों को निगम प्रशासन रिव्यू भी कर रहा है। रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद अब निगम प्रशासन में बड़े स्तर पर फेरबदल भी संभावित है।
समय सीमा तय की जाएगी : कमिश्नर
नगर निगम में फरवरी 2019 के बाद से नक्शों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा है। इससे पहले के सभी मामलों को रिव्यू किया जा रहा है। फाइलों को बिना वजह दबाए रखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। साथ ही नक्शे पास करने की समय सीमा तय करने पर भी विचार किया जा रहा है। निगम की कार्यप्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा।
स्टाफ की कमी के कारण मामलों को निपटाने में देरी हुई
नगर निगम हाऊस की पिछली बैठक में मैंने निगम प्रशासन को डेढ़ साल से पैंङ्क्षडग पड़े नक्शों के मामलों को लेकर आगाह किया था। हालांकि स्टाफ की कमी के चलते इन मामलों को निपटाने में देरी लग रही है लेकिन कई मामलों में अधिकारी बिना वजह फाइलें दबाकर बैठे थे। सरकार से रिक्त पद जल्द भरने की मांग की जाएगी।